केंद्रीय मंत्री अठावले का छलका दर्द, 'शिवसेना-बीजेपी साथ आए लेकिन मेरी पार्टी को हवा में छोड़ दिया'
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केंद्रीय मंत्री अठावले का छलका दर्द, 'शिवसेना-बीजेपी साथ आए लेकिन मेरी पार्टी को हवा में छोड़ दिया'

अठावले ने चेतावनी देते हुए कहा कहा, "मुझे कोई किनारे करेगा तो उन्हें किनारे करने की ताकत मुझमें है."  

अठावले ने कहा कि गठबंधन पर मुहर लगाते वक्त उन्हें विश्वास में नहीं लिया.

मुंबई: केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री और आरपीआई (ए) अध्यक्ष रामदास आठवले बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन में कोई सीट न मिलने से नाराज चल रहे हैं. शनिवार को नागपुर में उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी को एनडीए के घटक दल भाजपा और शिवसेना ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन की घोषणा करते वक्त एक भी सीट नहीं दी. रविवार को उनके तेवर कुछ बदले से नजर आए. 

अठावले ने कहा, "मुझे कोई किनारे करेगा तो उन्हें किनारे करने की ताकत मुझमें है. ये बात सही है कि जब बीजेपी-शिवसेना में तालमेल हो गया, अमित शाह कि उपस्थिति में घोषषा हो गई, तब मुझे वहां बुलाने की आवश्यकता थी." 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पूरे देश में ये संदेश गलत गया कि शिवसेना-बीजेपी एक साथ आए लेकिन रिपब्लिकन पार्टी को हवा में छोड़ दिया. एक भी सीट आरपीआई को दी नहीं. अभी भी इसमें सुधार किया जा सकता है, हमारी इतनी बड़ी मांग नहीं है."  

इससे पहले, शनिवार को अठावले ने कहा था, "राजनीति में दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं लेकिन वह इसके बावजूद यह चाहते हैं कि अगली सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बने." उन्होंने कहा था, "हम खुश हैं कि शिवसेना और भाजपा एकसाथ आए, लेकिन उन्होंने आरपीआई के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है."  

 

आठवले ने संवाददाताओं से कहा था, "2014 के विधानसभा चुनाव (महाराष्ट्र) में भाजपा के लिए वोट जुटाने में आरपीआई ने सहायता की थी." उन्होंने कहा कि शिवसेना और भाजपा को अपने गठबंधन पर मुहर लगाते वक्त उनकी पार्टी को भी विश्वास में लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि आरपीआई के नेता 25 फरवरी को मुंबई में बैठक करेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी का इरादा एनडीए छोड़ने का नहीं है.

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