उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि स्कूल शैक्षणिक सत्र 2021-22 में पिछले साल की तरह ही उसी फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से फीस ले सकेंगे जो साल 2019-20 में लागू की गई थी. अगर किसी स्कूल ने बढ़ी हुई फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से फीस ले ली है तो इस बढ़ी हुई फीस को आगे के महीनों की फीस में एडजस्ट की जाएगी.
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने प्रदेश में संचालित सभी बोर्डों के सभी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए फीस बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है. यह जानकारी प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने दी है.
दिनेश शर्मा ने कहा कि कोविड के चलते कई परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं. स्कूल्स बंद हैं लेकिन बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस जारी हैं. इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने ऐसा फैसला किया है जिससे आम जनता पर अतिरिक्त भार न पड़े साथ ही स्कूलों में कार्यरत शिक्षक और अन्य कर्मचारियों को नियमित वेतन देना सुनिश्चित किया जा सके.
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उप मुख्यमंत्री ने बताया कि स्कूल शैक्षणिक सत्र 2021-22 में पिछले साल की तरह ही उसी फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से फीस ले सकेंगे जो साल 2019-20 में लागू की गई थी. अगर किसी स्कूल ने बढ़ी हुई फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से फीस ले ली है तो इस बढ़ी हुई फीस को आगे के महीनों की फीस में एडजस्ट की जाएगी. उन्होंने कहा है कि स्कूल बंद रहने की अवधि में परिवहन शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसके अलावा अगर किसी छात्र या अभिभावक को तीन महीने की फीस एक साथ जमा करने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो उनके अनुरोध पर उनसे मासिक फीस ही ली जाए.
उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल में फिजिकल रूप से परीक्षा नहीं हो रही है तब तक परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया जा सकेगा. इसी तरह से जब तक स्पोर्ट्स, साइंस लैबोरेटरी, लाइब्रेरी, कंप्यूटर, एनुअन फंक्शन जैसी गतिविधियां नहीं हो रही हैं तक उनका शुल्क भी नहीं लिया जा सकेगा.
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उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में पूरी संवेदनशीलता के साथ यह फैसला भी किया है कि अगर कोई छात्र या छात्रा अथवा उनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना से संक्रमित है और उन्हें फीस देने में परेशानी हो रही है तो उनके लिखित अनुरोध पर उस महीने की फीस आने वाले महीनों में किश्त के रूप में ली जाएगी. उन्होंने बताया कि इस बात के निर्देश भी दिए गए हैं कि स्कूलों में कार्यरत शिक्षक और अन्य कर्मचारीयों का वेतन नियमित रूप से दिया जाए.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इन आदेशों का कडाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं. यदि किसी स्कूल द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो अभिभावक फीस रेगुलेटरी कमेटी में इसकी शिकायत कर सकते हैं.