Ghaziabad Scam: गाजियाबाद (Ghaziabad) के अस्पताल की मरम्मत को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है. यहां जिस बिल्डिंग को तोड़ने की इजाजत मिल चुकी थी उसकी 20 लाख में मरम्मत की गई और अब वो टपक रही है.
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Ghaziabad Hospital Scam: यूपी (UP) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में अफसरों की मिलीभगत से हुए घोटाले का ऐसा मामला सामने आया है जिससे हर कोई हैरान हो गया है. दरअसल, यहां एक इमारत को तोड़ने की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन फिर उसकी मरम्मत कर दी गई है. इतना ही नहीं जर्जर बिल्डिंग की मरम्मत में 20 लाख रुपये का खर्च दिखाया गया लेकिन रिपेयरिंग के बाद इमारत पहली बारिश भी नहीं झेल सकी. बारिश पड़ते ही बिल्डिंग की छत टपकने लगी. यह एक गाजियाबाद के एमएमजी हॉस्पिटल की छत है. मामले के खुलासे के बाद लोग जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन की मांग कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि कैसे अधिकारियों की सांठगांठ से ये स्कैम किया गया.
पहली बारिश में टपकने लगी छत
लेकिन जब मानसून की पहली बारिश हुई तो ठेकेदार और अफसरों की मिलीभगत की पोल पट्टी खुल गई. बिल्डिंग बारिश को नहीं झेल पाई और उसकी छत टपकने लगी. टपकती बिल्डिंग में मौजूद स्टाफ डर गया. जान लें कि बारिश के कारण सीएमएस दफ्तर और अस्पताल में वार्ड की छत टपकने लगी है. अस्पताल का स्टाफ अपनी जान खतरे में महसूस कर रहा है. उन्हें डर है कि ये बिल्डिंग कहीं गिर ना जाए.
टेंडर जारी होने पर उठे सवाल
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, अस्पताल की बिल्डिंग की मरम्मत का ठेका ठेकेदार राजेंद्र को मिला था. जब टेंडर जारी किया गया था तभी इसको लेकर सवाल उठने लगे थे क्योंकि बिल्डिग को तोड़ने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी थी. आरोपों के मुताबिक, फिर भी शासन स्तर पर टेंडर निकाला गया.
स्टाफ को सता रहा ये डर
लेकिन, बारिश की शुरुआत होते ही हॉस्पिटल में पहली मंजिल पर स्थित महिला वॉर्ड और सामान्य वॉर्ड की छत से पानी टपकने लगा. दोनों तरफ से कॉरिडोर की छत से बारिश का पानी गिर रहा है. सीएमएस दफ्तर की छत भी टपक रही है. यहां के लोगों को लगातार डर बना हुआ है कि कहीं बिल्डिंग गिर ना जाए.
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