Bahraich News: कहा जाता है कि शादी दो दिलों का मिलन है. सभी को शादी करने का इंतजार भी रहते हैं, लेकिन क्या कभी आपने बिना दूल्हे की बारात देखी है? एसा ही कुछ बहराइच में हुआ है...........
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राजीव शर्मा/ बहराइच: कहा जाता है कि शादी दो दिलों का मिलन है. सभी को शादी करने का इंतजार भी रहते हैं, लेकिन क्या कभी आपने बिना दूल्हे की बारात देखी है? ऐसा ही कुछ बहराइच में देखने को मिला है. यहां सैकड़ों की तादात में बारात बिना दूल्हे के आती हैं.
बिना दूल्हें की बरात
उत्तर प्रदेश के बहराइच की गाज़ी की दरगाह पर एक महीने चलने वाले जेठ मेले का आगाज़ हो चुका है. यहां दूर-दूर से लोग हजारों की तादात में जेठ के मेले में गाजी सरकार के दरबार में बारातें लेकर अपनी हाजिरी लगाने आते हैं. दरगाह मेले का उद्घाटन इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति फैज़ आलम व न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने फीता काट कर किया है.
जेठ माह में सैकड़ों लोग आते है
इस मौके पर बहराइच न्यायिक व प्रशानिक अमले के साथ दरगाह कमेटी के अध्यक्ष शमशाद के साथ भारी तादात में लोग मौजूद रहे. सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर देश के कोने-कोने से सैकड़ों बराते गाजे बाजे के साथ गाज़ी मियां के दरबार में जेठ माह में पड़ने वाले चार रविवार में चौथी के तौर पर आती है. जिसमें शादी का सारा साजो सामान के साथ बाराती नाचते गाते बाबा के दरबार में पहुंचते हैं. लेकिन इस बारात में कोई दूल्हा नहीं रहता.
दरगाह की खास बात
बिन दूल्हे के ही हजारों बारात वर्षो से इस दरबार में अपनी मुराद लेकर आती हैं. सालों पुरानी इस दरगाह पर हिंदू ,मुस्लिम ,सिख सभी धर्मो के लोग बड़ी आस्था से बरातें लेकर आते है और इस दरगाह की खास बात ये है कि यहां बराते तो आती है पर दूल्हा नही होता है. लाखों की संख्या में अकीदतमंद हर साल पूरे देश से इस दरगाह पर पहुंचते है.
दरगाह कमेटी अध्यक्ष
दरगाह कमेटी के अध्यक्ष शमशाद अहमद एडवोकेट ने बताया की लाखो की संख्या में बारात ले कर लोग यहां आते है जिसको देखते हुए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है और दरगाह कमेटी की तरफ से भी आने वाले लोगों के लिए साफ सफाई, पानी और जरूरी इंतजाम किए गए है.