Farrukhabad News : स्थानीय विधायक सुशील शाक्य ने विधानसभा में पीडब्ल्यूडी अफसर द्वारा माफिया के फर्म को करोड़ों रुपये का भुगतान करने का मामला उठाया था. इसके बाद कानपुर आयुक्त को जांच के निर्देश दिए थे.
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अरुण सिंह/फर्रुखाबाद : यूपी के फर्रुखाबाद में लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक अफसर की फोटो माफिया के साथ वायरल होने के बाद योगी सरकार ने शिकंजा कसा है. जांच में दोषी पाए जाने के बाद पीडब्ल्यूडी अफसर को लोक निर्माण विभाग से हटा दिया गया है. चार अन्य लिपिक पर कार्रवाई की तलवार लटकी है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, पीडब्ल्यूडी के प्रशासनिक अफसर संतोष श्रीवास्तव की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसमें वह माफिया अनुपम दुबे के भाई व 25 हजार के इनामी को मिठाई खिलाते दिख रहे हैं. माफिया से विभाग के कई और अफसरों के जुड़े होने की आशंका है. इसमें अवर अभियंता और बाबू शामिल हैं. आरोप है कि माफिया प्रशासनिक अफसर की मिलीभगत से अपने बाबूओं का मन मुताबिक पोस्टिंग कराता था. इसके एवज में उसे रुपये भी मिलते थे.
चार लिपिकों की मिलीभगत से करोड़ों का ट्रांजैक्शन
वहीं, बाबू द्वारा माफिया के फर्म को बिना रोक-टोक भुगतान कर दिया जाता था. ताजा मामले में पीडब्ल्यूडी के बाबू ने माफिया के फर्म को अनियमित रूप से करीब चार करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया था. इस मामले को विधायक सुशील शाक्य ने विधानसभा में भी उठाया था. इसके बाद आयुक्त कानपुर मंडल से जानकारी मांगी गई. जांच में चार लिपिक की संलिप्तता पाई गई. इसके बाद चारों लिपिक पर कार्रवाई की तलवार लटकी है. वहीं, पीडब्ल्यूडी के प्रशासनिक अफसर को विभाग से हटा दिया गया है.
करोड़ों का भुगतान कर दिया गया
जांच में पाया गया कि माफिया अनुपम दुबे की मां कुसुम लता दुबे का चरित्र प्रमाणपत्र निरस्त होने के बाद उनकी पंजीकृत फर्म को करोड़ों का भुगतान कर दिया गया. शासन के आदेश पर डीएम ने अधिशासी अभियंता जोध कुमार और राजकुमार पिथूरिया को निलंबित कर दिया. हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों को लखनऊ मुख्यालय अटैच कर दिया गया है. हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में अधिशासी अभियंताओं ने अनियमित भुगतान के लिए संबंधित कर्मचारियों की भूमिका बताई थी.
इंस्पेक्टर की हत्या मामले में मथुरा जेल में बंद है माफिया अनुपम दुबे
अधिशासी अभियंता मुरलीधर ने बताया कि शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. अग्रिम कार्रवाई उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार की जाएगी. उन्होंने माफिया के भुगतान में संदिग्ध भूमिका वाले लिपिकों के हाल में हुए पटल परिवर्तन में भी संशोधन कर दिए जाने की पुष्टि की है. पूरे मामले में प्रांतीय खंड के आशीष यादव द्वितीय, नितेश कुशवाहा और निर्माण खंड के शाहरुख अली और ओम नरायन मिश्रा के नाम भी सामने आए हैं. बता दें कि माफिया अनुपम दुबे इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में मथुरा जेल में बंद है.
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