कई सालों के किसान कर रहे हैं मांग, प्रशासन ने नहीं ली सुध तो शुरू किया 'जल सत्याग्रह'
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कई सालों के किसान कर रहे हैं मांग, प्रशासन ने नहीं ली सुध तो शुरू किया 'जल सत्याग्रह'

प्रशासन ने अनहोनी की आशंका को देखते हुए लाइफ सेविंग जैकेट के साथ पुलिसकर्मियों को गंगा में तैनात कर दिया है. 

लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, वह ऐसे ही प्रदर्शन करेंगे.

बिजनौर: बिजनौर जिले में बाढ़ से भारी फसलों की तबाही से नाराज किसानों ने गंएक पुल और तटबांध की मांग के लिए 'जल सत्याग्रह' शुरू किया है. किसानों ने मांग पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखने की घोषणा की है. उधर प्रशासन ने अनहोनी की आशंका को देखते हुए लाइफ सेविंग जैकेट के साथ पुलिसकर्मियों को गंगा में तैनात कर दिया है.

दरअसल, पहाड़ी क्षेत्रों से बरसात के दिनों में आने वाले पानी से विशेष रूप से गंगा में बाढ़ आ जाती है. गंगा की बाढ़ बिजनौर के मंडावर इलाके के दर्जनभर से अधिक गांव का अस्तित्व मिटा चुकी है और हज़ारों एकड़ खेती की जमीन को खत्म कर चुकी है. हर सार बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान होता है.

प्रशासनिक अधिकारी भी आश्वासन देकर कर्तव्य की इतिश्री कर लेते है. इस बार भारतीय किसान यूनियन ने बाढ़ से होने वाले नुकसान का हल निकाला है और प्रशासन से बालावाली से लेकर रावली तक गंगा किनारे तटबांध बनवाये जाने तथा गंगा पार खेती करने जाने के लिए पुल बनवाये जाने की मांग की है. किसानों ने राजारामपुर-डैबल गढ़ गांव के बीच गंगा किनारे धरना लगाकर जल प्रदर्शन शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती वह जल समाधि लगाकर प्रदर्शन करेंगे. 

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भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है. राज्य महासचिव राम अवतार सिंह और जिला अध्यक्ष दिगंबर सहित भाकियू के कई नेताओं ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. 

बिजनौर के उप जिला अधिकारी (एसडीएम) बृजेश सिंह ने आंदोलनकारियों से मुलाकात की और उच्च अधिकारियों के समक्ष उनकी मांगों को उठाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हम लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और सिंचाई विभागों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि हम इस समस्या का समाधान निकाल लेंगे.

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