Upendra Kushwaha ने अपनी पार्टी RLSP का JDU में विलय किया, बनाए गए संसदीय दल के चेयरमैन
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Upendra Kushwaha ने अपनी पार्टी RLSP का JDU में विलय किया, बनाए गए संसदीय दल के चेयरमैन

मोदी सरकार में मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) का JDU में विलय हो गया है. इस विलय के लिए सीएम नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा की काफी पहले से बातचीत हो रही थी.

सीएम नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा (फाइल फोटो)

पटना: कभी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बीजेपी के सहयोगी रहे और बाद में विरोधी बने उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने अपने राजनीतिक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) का जनता दल यूनाइटेड (JDU) में विलय कर दिया है. विलय के बाद कुशवाहा को JDU के संसदीय दल का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. 

  1. उपेंद्र कुशवाहा के संपर्क में थे नीतीश कुमार
  2. LJP ने नीतीश कुमार पर कसा तंज
  3. मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं उपेंद्र

उपेंद्र कुशवाहा के संपर्क में थे नीतीश कुमार

विलय पर JDU मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि उन्होंने कुछ समय पहले इस मुद्दे पर उपेंद्र कुशवाहा से बातचीत की थी. इसके बाद अपनी पार्टी के सीनियर लीडर्स के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की गई. उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के JDU में विलय पर खुशी जाहिर की. जिसके बाद विलय पर अंतिम फैसला लिया गया. 

 

LJP ने नीतीश कुमार पर कसा तंज

उधर इस विलय पर नीतीश कुमार की विरोधी लोक जन शक्ति पार्टी (LJP) ने तंज कसा है. पार्टी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए ढोंग कर रहे लोग बेनकाब हो रहे हैं. पार्टी ने सीएम नीतीश को चुनौती दी है कि इस विलय के बाद अगर वे खुद को ताकतवर समझ रहे हैं तो एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरकर देख लें. LJP ने कहा कि नीतीश कुमार फुंके हुए कारतूस के साथ जंग लड़ना चाहते हैं लेकिन इससे उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला.

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मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं उपेंद्र

बताते चलें कि उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) वर्ष 2014 से लेकर 2018 तक मोदी सरकार में मंत्री थे. उन्हें केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री का प्रभार दिया गया था. वे बिहार की रोहताश सीट से चुनाव लड़कर लोक सभा में पहुंचे थे. बाद में सीटों के बंटवारे पर बीजेपी से अनबन होने पर वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग हो गए थे. इसके बाद से वे राजनीति में दोबारा से पहचान हासिल करने की कोशिश में थे.

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