यूपी में तो अखिलेश की सपा के हौसले बुलंद, तो फिर उपचुनाव में कांग्रेस जरूरी या मजबूरी?
Advertisement
trendingNow12346731

यूपी में तो अखिलेश की सपा के हौसले बुलंद, तो फिर उपचुनाव में कांग्रेस जरूरी या मजबूरी?

India Alliance: लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद दोनों दल एकजुटता का प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. लेकिन लोकसभा में छह सीट जीतने के बाद कांग्रेस को भी संजीवनी मिल गई है.

यूपी में तो अखिलेश की सपा के हौसले बुलंद, तो फिर उपचुनाव में कांग्रेस जरूरी या मजबूरी?

Uttar Pradesh By Election: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हैं. इसी बीच अभी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन कुछ राजनीतिक विश्लेषक इस विमर्श में भी हैं कि जिन दस सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होंगे वहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लिए मिलकर लड़ना मजबूरी है या जरूरी है. असल में लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को मिली बड़ी जीत के बाद सपा और कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं. ऐसे में अंदरखाने उपचुनाव के लिए सपा और कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी 

हालांकि अभी तक चुनाव की तिथियां नहीं घोषित हुई है, फिर भी सभी दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. जिन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें से एक भी सीट कांग्रेस के पास नहीं रही है. पांच सीट सपा के पास जरूर रही है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने 10 में से 4 सीट लेने का प्लान बना रखा है. लेकिन यह सब कुछ 21 जुलाई की मीटिंग में फाइनल होगा.

एकजुटता का प्रदर्शन करते नजर आ रहे

यह भी सही है कि लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद दोनों दल एकजुटता का प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. लेकिन लोकसभा में छह सीट जीतने के बाद कांग्रेस को भी संजीवनी मिल गई है. इस कारण वह भी यूपी में सपा के बराबर की राजनीति करती नजर आएगी. सपा के सामने मजबूरी है कि वह उपचुनाव में कांग्रेस को साध के चले क्योंकि सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए और राज्यों में भी पैर फैलाने होंगे. इसके लिए उसे गठबंधन के जरिए ही आगे बढ़ना होगा. शायद सपा मुखिया इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं. 

यही कारण है कि अखिलेश उपचुनाव में कांग्रेस को सीट देने में पीछे नहीं हटेंगे. हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में सपा भी इंडिया गठबंधन के जरिए इन दोनों राज्यों पर चुनाव लड़ने के सपने देख रही है. इसलिए फिलहाल अभी दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. दोनों दलों के बीच जल्द सीटों का बंटवारा होने की उम्मीद है, जिससे दोनों ही दल अपने हिस्से आई सीटों पर गतिविधियां बढ़ा सके.

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि यूपी में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस निश्चित तौर पर चुनाव लड़ेगी. 21 जुलाई को जिन क्षेत्रों पर चुनाव है वहां के लोगों के साथ बैठक कर फीडबैक लेंगे. इस बैठक को प्रदेश अध्यक्ष लीड करेंगे. अभी चुनाव का नोटिफिकेशन भी नहीं आया है. लेकिन फिर भी पार्टी अपनी तैयारी कर रही है. जिन क्षेत्रों में चुनाव होने हैं वहां के जिला अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा की जायेगी. जहां जहां बेहतर संभावना होगी, उस पर निर्णय लिया जाएगा. हम लोग गठबंधन के साथ ही मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

वहीं सपा के प्रवक्ता अशोक यादव का कहना है कि यूपी में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. हम लोग इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ही निर्णय लेंगे. सपा अब पीडीए नीति को लेकर आगे चलेगी. सपा सभी 10 सीटों पर सफलता हासिल करेगी. प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें पांच सीटें करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, कुंदरकी व सीसामऊ सपा के पास थीं. जबकि खैर, गाजियाबाद व फूलपुर भाजपा के पास थीं. मझवां निषाद पार्टी व मीरापुर रालोद के पास थी. नौ सीटों पर सांसद बनने की वजह से और एक सीट पर सदस्य को सजा होने के कारण चुनाव हो रहे हैं.

Trending news