UP BY Election: इन सबके बीच यह समझना भी जरूरी है कि ये उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि योगी ने बहुत पहले ही अपने मंत्रियों की फौज उतार दी है. उधर अखिलेश उम्मीदवारों का ऐलान कर चुके हैं.
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By election 10 Seats: लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद यूपी की बदली हुई बयार और फिर अब जाकर हरियाणा चुनाव परिणामों की पृष्टिभूमि में यूपी का उपचुनाव धीरे धीरे परवान चढ़ रहा है. देश के सबसे बड़े राजनीतिक सूबे उत्तर प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं. एक तरफ ये उपचुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए कई मायनों में अलग होने वाले हैं, तो दूसरी तरफ अखिलेश के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल हैं. वैसे भी भारत की चुनावी राजनीति में उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जिसकी चर्चा कभी खत्म ही नहीं हो सकती है. इसके एक नहीं अनेक कारण यहीं. अब ताजा मामला उपचुनावों का है. इन सबके बीच इन 10 सीटों पर एक ब्रह्मास्त्र की चर्चा शुरू हो गई है, आइए इसके बारे में समझते हैं.
असल में यूपी उपचुनाव को लेकर अभी सरगर्मियां तेज होना शुरू ही हुई हैं कि इन चुनावों में भी हिंदू-मुस्लिम का तड़का लग गया है. इसको लेकर सिर्फ लोगों ने ही नहीं सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. एक तरफ भाजपा दावा कर रही है कि 10 की 10 सीटों पर पार्टी यहां जीत हासिल करेगी. वहीं अब तो समाजवादी पार्टी की तरफ से इन 10 सीटों में से 6 के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है.
वैसे भी हरियाणा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस की किरकिरी के बाद अब सपा, कांग्रेस से बातचीत करने के मूड में नजर नहीं आ रही है और उसको दरकिनार कर सपा ने यह फैसला ले लिया है. वहीं, यूपी में इन 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले प्रदेश का माहौल भी गरमा गया है. उसका एक उदाहरण सामने आ गया है.
हुआ यह कि गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के विवादास्पद बयान को लेकर एक तरफ मुस्लिम संगठन जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर हिंदू संगठन गाजियाबाद में महापंचायत करने का ऐलान कर चुके हैं. हिंदू संगठन की तरफ से डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के समर्थन में 13 अक्टूबर को गाजियाबाद स्थित कलेक्ट्रेट पर महापंचायत करने का ऐलान किया गया है.
जानकारी के मुताबिक मामले में हुआ ये था कि यति नरसिंहानंद के द्वारा दिए गए बयान के बाद उग्र भीड़ ने डासना देवी मंदिर पहुंचकर मंदिर पर हमला कर दिया था. लेकिन, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उग्र भीड़ को काबू में कर लिया. इसके बाद पुलिस ने मंदिर की सुरक्षा के लिए कैंप बना दिया. ऐसे में हिंदू संगठन ने मंदिर पर हमला करने वाले हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है. उनके गिरफ्तार न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
उधर इन सबके बीच यति नरसिंहानंद के समर्थन में होने वाली महापंचायत में हिंदू रक्षा दल, शिवसेना यूबीटी, गोरक्षा दल, बजरंग दल, हिंदू युवा वाहिनी और संत समाज से जुड़े लोगों ने शामिल होने का ऐलान किया है. यति नरसिंहानंद के विवादित बयान को लेकर यूपी के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन किए गए हैं और कई जगहों पर पुलिस को लाठियां भांजकर भीड़ को खदेड़ना पड़ा है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यूपी में फिर से हिंदू-मुस्लिम राजनीति की आग सुलग रही है. 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में यह फैक्टर राजनीतिक दलों के लिए ब्रह्मास्त्र बन सकता है. वहां के उपचुनाव में इस मुद्दे को सभी राजनीतिक दल जरूर भुनाने की कोशिश करेंगे. अब देखना होगा कि इससे कितना फायदा मिलेगा और जनता किसकी सुनने वाली है.
जिन सीटों पर चुनाव होने हैं वे फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी और सीसामऊ हैं. इसमें से नौ के विधायक इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए. जबकि सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी की आपराधिक मुकदमे में सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई है.
हालांकि इन सबके बीच सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने गुरुवार को यह जरूर कहा कि उनकी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन बरकरार रहेगा. उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. सपा द्वारा बुधवार को इनमें से छह सीटों के लिये उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बरकरार रहने को लेकर उठ रही आशंकाओं के बीच अखिलेश का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा सकता है.