सरकार ने साफ शब्‍दों में दी चेतावनी, मास्क का इस्तेमाल कम होने पर कही ये बात
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सरकार ने साफ शब्‍दों में दी चेतावनी, मास्क का इस्तेमाल कम होने पर कही ये बात

सरकार ने कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट पर चिंताओं के बीच देश में मास्क का इस्तेमाल कम होने को लेकर शुक्रवार को आगाह किया और लोगों से कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और संक्रमण के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए टीके की खुराक लेने का अनुरोध किया.

प्रतीकात्‍मक फोटो

नई दिल्ली: सरकार ने कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट पर चिंताओं के बीच देश में मास्क का इस्तेमाल कम होने को लेकर शुक्रवार को आगाह किया और लोगों से कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और संक्रमण के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए टीके की खुराक लेने का अनुरोध किया.

  1. मास्क का उपयोग हुआ कम
  2. हेल्थ मिनिस्ट्री ने जताई चिंता
  3. ओमिक्रॉन को लेकर सख्त हैं सरकार के कदम

मास्क का उपयोग हुआ कम

‘इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मीट्रिक्स’ के आंकलन का हवाला देते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा कि देश में मास्क का इस्तेमाल कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के पहले के स्तरों से कम हो गया है और ‘इस तरीके से हम फिर से खतरे की स्थिति में आ गए हैं. सुरक्षा क्षमता के नजरिए से हम निचले, जोखिम भरे और अस्वीकार्य स्तर पर हैं. हमें यह याद रखना होगा कि टीके की दोनों खुराक और मास्क अहम है.’

टीकाकरण में बढ़ोतरी लेकिन मास्क दर में गिरावट

पॉल ने कहा कि लोगों को ग्लोबल हालातों से सीखने की जरूरत है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के हाल के विश्लेषण का जिक्र करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि WHO ने कहा है कि जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपाय (PHSM) का अनुपालन कम हो रहा है जबकि टीकाकरण दर में वृद्धि हुई है.

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यूरोप में फिर से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी और हमारे आसपास के लोगों की कोविड-19 से रक्षा करने के लिए इन सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन करने की आवश्यकता है.’ उन्होंने कहा कि नागरिकों को संक्रमण के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए. यूरोपीय देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में अभी तक ओमीक्रॉन स्वरूप के 25 मामले आए हैं और सभी मामलों में हल्के लक्षण देखे गए हैं. उसने कहा कि चिकित्सीय रूप से ओमीक्रॉन से स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर अभी तक बोझ नहीं पड़ रहा है लेकिन सावधानी बरतनी होगी.

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लगातार समीक्षा बैठकें कर रही सरकार 

अग्रवाल ने बताया कि निगरानी बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए प्रभावी जांच व्यवस्था बनाने, टीकाकरण की दर बढ़ाने और देशभर में कोविड-19 के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव के स्तर पर राज्यों तथा हवाई अड्डा स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कई समीक्षा बैठकें की गई हैं. सरकार ने राज्यों से जीनोम सिक्वेंस (Genome Sequencing) के लिए कोविड-19 से संक्रमित नमूनों को भेजने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रॉन को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित करने के बाद 27 नवंबर को राज्यों को हवाई अड्डों पर निगरानी, जांच बढ़ाने और संक्रमण से प्रभावित इलाकों में निगरानी जारी रखने की सलाह दी थी.

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राज्य सरकार रहें तैयार

संयुक्त सचिव ने कहा कि 29 नवंबर को सरकार ने राज्यों को सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री की जांच करने और उन पर नजर रखने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा, ‘हमने राज्यों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि PSA प्लांट, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर सही तरीके से काम करें और साथ ही इनके इस्तेमाल पर ट्रेनिंग देने के लिए भी कहा है.’ अग्रवाल ने कहा, ‘हमारा ध्यान संक्रमण को फैलने से रोकना और देश में इससे किसी की मौत होने से रोकना है. हम सामुदायिक भागीदारी के साथ यह करना चाहते हैं.’

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