विजय माल्या की सुप्रीम कोर्ट से गुहार, निजी और पारिवारिक संपत्ति जब्त करने पर लगे रोक
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विजय माल्या की सुप्रीम कोर्ट से गुहार, निजी और पारिवारिक संपत्ति जब्त करने पर लगे रोक

इससे पहले माल्या को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा था. हाईकोर्ट ने उस अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अपने और अपनी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई पर रोक की मांग की थी. 

 PMLA (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने जनवरी महीने में माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किया है.

नई दिल्ली: निजी और पारिवारिक संपत्ति पर कार्रवाई के खिलाफ भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर संपत्तियों पर कार्रवाई और ज़ब्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है. माल्या ने याचिका में कहा है कि सिर्फ किंगफिशर कंपनी से संबंधित संपत्ति ही कुर्क की जाए और उसकी निजी और पारिवारिक संपत्ति को जब्त नहीं किया जा सकता. विजय माल्या की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार यानी 29 जुलाई को सुनवाई करेगा.

दरअसल, इससे पहले माल्या को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा था. हाईकोर्ट ने उस अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अपने और अपनी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई पर रोक की मांग की थी. 

उसने अपनी याचिका में कहा था कि निचली अदालत और सरकारी जांच एजेंसियां उसकी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई (बेच) कर सकते हैं. इसपर रोक लगाई जाए. विजय माल्या चाहता था कि जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट में उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) को चैलेंज करने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक लोअर कोर्ट और सरकारी जांच एजेंसियां उसके खिलाफ कोई ऐसी-वैसी कार्रवाई नहीं करे. उसने खुद को आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है.

 

आपको बता दें कि PMLA (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने जनवरी महीने में माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किया है. उसने हाईकोर्ट में कहा कि मेरे खिलाफ यह आरोप असंवैधानिक है, इसलिए इसे हटाया जाए. माल्या पर बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है. वह मार्च 2016 में ही लंदन भाग गया था.इससे पहले लंदन हाईकोर्ट से शराब कारोबारी विजय माल्या को राहत मिली थी. वहां माल्या को गृह विभाग द्वारा प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील की इजाजत मिल गई है. 

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