Vikas Divyakirti News: कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, ‘अध्ययन होना चाहिए, तथ्य देखने चाहिए, विरोध होना चाहिए लेकिन संवैधानिक मर्यादाओं में रहकर. बिना तथ्यों के किसी के बारे में अफवाहें फैलना गलत है.’
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Vikas Divyakirti News: भगवान राम और देवी सीता पर अपनी टिप्पणियों को लेकर विवादों में आए लोकप्रिय यूपीएससी कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) के संस्थापक और मालिक, विकास दिव्यकीर्ति ने अब इस पूरे मसले पर सफाई दी है. उनका कहना है कि यह वायरल क्लिप 2018 या 2019 की शुरुआत की एक क्लास की क्लिप है.
विकास दिव्यकीर्ति ने एक इंटरव्यू में अपनी सफाई दी है जो कि अब वायरल हो रहा है. इस इंटरव्यू में वह कहते हैं, ‘मैंने जो कुछ कहा है कि अगर वह मनगढ़ंत है तो मैं जिम्मेदार हूं लेकिन अगर टेक्स्ट में लिखा है, ग्रंथों में लिखा तो जिम्मेदारी मेरी नहीं है.’
दिव्यकीर्ति ने दिए ग्रंथों-पुस्तकों के संदर्भ
दृष्टि आईएएस के संस्थापक अपने साथ कई ग्रंथ भी लाए थे. उन्होंने विभिन्न पुस्तकों और ग्रंथों के कई संदर्भ देकर यह सफाई देने की कोशिश की कि जो कुछ भी उन्होंने कहा है कि वह ग्रंथों में लिखा हुई है. वह गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित महाभारत से संदर्भ देते हैं. इसके अलावा वह गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा ही प्रकाशित वाल्मिकी रामायण से भी संदर्भ देते हैं. वह यूपीएससी के पूर्व सदस्य, जेएनयू प्रोफेसर व लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल की पुस्तक 'संस्कृति : वर्चस्व एवं प्रतिरोध' का भी संदर्भ देते हैं.
बता दें सोशल मीडिया पर विकास दिव्यकीर्ति को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इस कथित वीडियो में वह भगवान राम और देवी सीता को लेकर कुछ बात कर रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद ट्विटर पर #BanDrishtiIAS ट्रेंड होने लगा. हालांकि कई लोगों ने विकास दिव्यकीर्ति के समर्थन में भी लिखा.
इसके अवाला एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह शंबूक वध पर बात करते हुए नजर आते हैं.
परिवार में भय का माहौल
विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि जब से यह विवाद शुरू हुआ तो उनके परिवार के सदस्य पहली बार भयभीत हुए. उन्होंने कहा, 'घर के छोटे बच्चों ने मुझसे कहा कि आप घर से बाहर मत जाना खतरा है.' आस पड़ोस के लोगों ने भी कहा कि बाहर मत जाना खतरा है. उन्होंने आगे कहा कि किसी के साथ भी एक अच्छे लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, ‘अध्ययन होना चाहिए, तथ्य देखने चाहिए, विरोध होना चाहिए लेकिन संवैधानिक मर्यादाओं में रहकर. बिना तथ्यों के किसी के बारे में अफवाहें फैलना गलत है.’
बता दें विकास दिव्यकीर्ति अपने पढ़ाने के तरीके को लेकर खासे पापुलर रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनके वीडियो अक्सर वायरल होते हैं. वह विभिन्न विषयों पर लेक्चर देते हैं जिन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाखों दर्शक देखते हैं.
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