Shambhu border News: विनेश फोगाट ने किसानों की पीड़ा पर चिंता जताते हुए कहा, 'उन्हें यहां बैठे हुए 200 दिन हो गए हैं, यह देखना दुखद है. वे सभी इस देश के नागरिक हैं. किसान देश चलाते हैं. उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है, यहां तक कि हम एथलीट भी उनके आगे कुछ नहीं है.'
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Vinesh Phogat joins farmers protest at Shambhu border: शंभू बॉर्डर पर 200 दिन के धरने पर बैठे किसानों को समर्थन देने जब रेसलर विनेश फोगाट वहां पहुंची तो उनका किसी विश्वविजेता जैसा भव्य स्वागत हुआ. किसानों ने अपनी परेशानियों को थोड़ी देर के लिए किनारे रखते हुए ओलंपियन विनेश फोगट को सम्मानित किया. ओलंपियन विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंची थी. आपको बताते चलें कि किसानों को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिलाने की कानूनी गारंटी को लेकर किसानों का प्रदर्शन आज 31 अगस्त को अपने 200वें दिन में प्रवेश कर गया. इसके साथ ही आज अन्य इलाकों में भी प्रदर्शन तेज करने की बात कही गई है.
विनेश का बयान
विनेश फोगाट ने किसानों की पीड़ा पर चिंता जताते हुए कहा, 'उन्हें यहां बैठे हुए 200 दिन हो गए हैं, यह देखना दुखद है. वे सभी इस देश के नागरिक हैं. किसान देश चलाते हैं. उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है, यहां तक कि हम एथलीट भी उनके आगे कुछ नहीं है. अगर वो हमें खाना नहीं खिलाएंगे, तो हम किसी से भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे. वही बात है कि कई बार हम असहाय होते हैं और कुछ नहीं कर पाते, हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन हम अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाते, जब हम उन्हें दुखी देखते हैं. तो हमे बड़ा दुख होता है.
विनेश फोगाट ने ये भी कहा, 'सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए. उन्होंने पिछली बार अपनी गलती स्वीकार की थी, उन्हें अपने वादे पूरे करने चाहिए, अगर लोग इस तरह सड़कों पर बैठे रहेंगे तो देश प्रगति नहीं करेगा.'
महिलाओं की 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने के बाद विनेश के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव वाला रहा. उन्हें खाली हाथ भारत लौटना पड़ा. 7 अगस्त को अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट विनेश और उनके गोल्ड मैडल के बीच खड़ी थीं. 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के चलते उन्हें कुश्ती लड़ने से अयोग्य कर दिया गया था. इसके बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था.