Karnataka Muda Scam: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐलान किया था कि वो मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा भूखंड आवंटित करने में कथित फर्जीवाड़े के संबंध में चर्चा की अनुमति नहीं दिये जाने को लेकर विधानसभा और विधान परिषद में ‘दिन-रात’ धरना देगी. अब BJP और जेडीएस (JD-S) का सामूहिक विरोध नेक्स्ट लेवल पर पहुंच गया है.
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Karnataka MUDA 'scam' BJP MLAs Video: कर्नाटक में MUDA घोटाले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जंग तेज़ हो गई है. इस घोटाले के विरोध में BJP-JD-S के सभी विधायकों ने सदन के अंदर ही चौबीसों घंटे यानी दिन-रात के धरने का ऐलान किया था. इसी के विस्तार में पूरी रात बीजेपी विधायक विधानसभा में जमीन पर चद्दर बिछाकर सोए और अभी कुछ देर पहले ही उठकर उन्होंने चाय-कॉफी मंगवाई. बीजेपी ने (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) घोटाला मामले को लेकर चर्चा की मांग के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ भी किया. विधानसभा का सत्र शुक्रवार तक चलेगा. ऐसे में आज भी दिनभर विधानसभा में भारी हंगामे के आसार हैं.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी की लगी लॉटरी!
इससे पहले बुधवार को कर्नाटक विधानसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ था. जिसके चलते विधानसभा 25 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. लेकिन बीजेपी विधायकों ने अपना विधानसभा में धरना जारी रखा. वो लगातार रात भर MUDA घोटाले के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते रहे. जिनको नींद आई वो वहीं सो गए. माननीय विधायक जब सुबह उठे तो घर से लाए चद्दर-तकिए समेटने लगे तो कुछ ने योग व्यायाम करके दिन की हेल्दी शुरुआत की.
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WATCH VIDEO:
#WATCH | Bengaluru, Karnataka: BJP MLAs including Leader of Opposition R Ashok and BJP Karnataka President BY Vijayendra slept inside the assembly. BJP MLAs are in a protest demanding discussion on the alleged MUDA scam by sleeping in the Assembly.
(Video Source: Karnataka BJP) pic.twitter.com/rJtV62KLFI
— ANI (@ANI) July 24, 2024
क्या है मुडा घोटाला
कर्नाटक सरकार द्वारा इस कथित घोटाले पर चर्चा और बहस कराने से इंकार के बाद विपक्ष का पारा हाई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घोटाले के लाभार्थियों की सूची में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया (Siddaramaiah) की पत्नी पार्वती का भी नाम है. सिद्धारमैया की छवि उनके डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार से कई गुना ज्यादा पाक-साफ है ऐसे में जब सीएम की पत्नी का नाम होने की खबर आई तो बीजेपी ने कर्नाटक सरकार और सीधे सीएम सिद्धारमैया को घेरने के लिए मुडा घोटाला मामले को फौरन लपका और उसे आसमान जितना ऊंचा तान देने में जरा भी देर नहीं लगाई.
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कांग्रेस ने स्पीकर को मना किया?
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने नियमों का हवाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) से इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया, जबकि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया कि संदेह की सुई राज्य के ‘सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति’ के परिवार की ओर इशारा कर रही है और मांग की कि चर्चा की अनुमति दी जाए. विपक्ष ने मामले की जांच के लिए जांच आयोग के गठन के पीछे राजनीतिक मकसद का भी आरोप लगाया और कहा कि इसका उद्देश्य सदन को इस मुद्दे पर बहस करने का मौका देने से रोकना है.
स्पीकर ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को सुनने के बाद, क्योंकि विपक्ष द्वारा दिया गया स्थगन नोटिस कोई अत्यावश्यक मामला नहीं है और आरोपों की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किया गया है, साथ ही यह मामला तत्काल घटित नहीं हुआ है, इसलिए इसे खारिज कर दिया गया है.’’
विपक्ष के नेता आर. अशोक जैसे ही इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने के लिए दबाव बनाने लगे, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एच. के. पाटिल ने कहा कि नियमों के अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकती.
‘कर्नाटक विधानसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन’ के नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जो मुद्दे किसी न्यायाधिकरण या आयोग या प्राधिकरण या अदालतों के समक्ष निर्णय के लिए निर्धारित हैं, उन पर आमतौर पर स्थगन प्रस्ताव के रूप में अनुमति नहीं दी जा सकती.
4000 करोड़ का घोटाला इसलिए चर्चा से भाग रही कांग्रेस: BJP
उन्होंने कहा कि जांच आयोग अधिनियम, 1952 के अनुसार आरोपों की जांच के लिए सरकार द्वारा 14 जुलाई, 2024 को उच्च न्यायालय के पूर्व जस्टिस पी. एन. देसाई की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया था. BJP के वरिष्ठ विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जांच की प्रक्रिया में बाधा डाले बिना चर्चा की अनुमति दे सकते हैं.
विधानसभा में विपक्ष के नेता अशोक ने कहा, ‘कांग्रेस के पास 136 विधायक हैं. हम मुडा घोटाले में 4,000 करोड़ रुपये की लूट के बारे में स्थगन प्रस्ताव लाये, जिससे सरकार डर गई और चर्चा से भाग रही है. उन्होंने वित्त विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को बिना चर्चा के पारित कर दिया है. यह सरकार डरपोक है, उनके पास सदन में मुडा के आरोपों का जवाब देने की हिम्मत नहीं है.’
'मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने 14 भूखंड को कानूनी तरीके से लिया है और उनके समर्थकों ने भी ऐसा ही किया'
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि यदि सरकार में थोड़ा भी आत्मसम्मान है तो उसे सदन में यह कहना चाहिए था कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने 14 भूखंड को कानूनी तरीके से लिया है और उनके समर्थकों ने भी ऐसा ही किया है.
उन्होंने कहा, ‘यह 4,000 करोड़ रुपये का घोटाला है. दलितों की एक लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन लूट ली गई है.....हम इस मुद्दे को उठाना चाहते थे, हमें इसकी अनुमति नहीं दी गई. हमारे सभी विधायक और विधान परिषद सदस्य इस सरकार के खिलाफ दिन-रात विरोध प्रदर्शन करेंगे.’
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं विधायक बी वाई विजयेंद्र ने भी विधानसभा और विधान परिषद में कहा, ‘हम रातभर विरोध प्रदर्शन करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दलितों के साथ अन्याय न हो, मुख्यमंत्री के परिवार को दी गई जमीन और 5,000 से अधिक अवैध रूप से आवंटित भूखंड को वापस लिया जाए.’
उन्होंने मुख्यमंत्री पर मुडा घोटाले पर चर्चा का अवसर न देकर इस पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया. विधानसभा में विपक्ष द्वारा मुडा घोटाले को लेकर चर्चा कराये जाने पर जोर दिए जाने के कारण शोरगुल के बीच, मुख्यमंत्री द्वारा पेश चार विधेयक 8573.72 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के प्रस्ताव संबंधी वित्त विधेयक, GST (संशोधन) विधेयक, सिंचाई (संशोधन) विधेयक और नगर पालिका एवं अन्य कानून विधेयक पारित कर दिये गये.
इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की और चर्चा की. यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि राज्यपाल ने हाल में मुडा द्वारा भूखंड आवंटित करने में कथित फर्जीवाड़े के संबंध में मुख्य सचिव से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. वहीं एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लंबित विधेयकों पर चर्चा के लिए राज्यपाल से मुलाकात की.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)