आपबीती: 'जब भी सुनाई देता था सायरन-फाइटर प्लेन का शोर, लगता था हमारी मौत हो जाएगी!'
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आपबीती: 'जब भी सुनाई देता था सायरन-फाइटर प्लेन का शोर, लगता था हमारी मौत हो जाएगी!'

यूक्रेन (Ukraine) से लौटी छात्रा (Indian Student) की आपबीती जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. यूक्रेन से लौटी बेटी ने कहा, 'जब भी सुनाई देता था सायरन और फाइटर प्लेन का शोर, लगता था हो जाएगी हमारी मौत!' 

आपबीती: 'जब भी सुनाई देता था सायरन-फाइटर प्लेन का शोर, लगता था हमारी मौत हो जाएगी!'

नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े जंग (Russia-Ukraine War) ने दुनियाभर में चिंता की एक लकीर कायम कर दी है. यूक्रेन (Ukraine) में भारतीय छात्र (Indian Students) हजारों की संख्या में अभी भी फंसे हुए हैं. आज यानी मंगलवार को इंडिगो (Indigo) की 2 फ्लाइट्स 434 भारतीय छात्रों को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पहुंची. छात्रों के आने के बाद परिजन अपने बच्चों से लिपटकर रोने लगे. कई बच्चों ने वतन वापसी पर यूक्रेन में मौजूदा हालातों का जिक्र किया और वतन लौटने पर भारत सरकार (Indian Government) और प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को शुक्रिया कहा.

  1. यूक्रेन से लौटी छात्रा की आपबीती
  2. रोंगटे खड़े कर देने वाली परिस्थितियां
  3. हर वक्त सताता था मौत का खौफ

भारत लौटी बेटी ने बयां किया अपना डर

भारत (India) लौटी यूपी के शामली की बेटी मानवी भार्गव ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि जब वो यूक्रेन (Ukraine) के इवानो शहर में फंस गई थी और वहां जब फाइटर प्लेन (Fighter Plane) का शोर होता था और इमरजेंसी सायरन (Emergency Siren) बजते थे तो मानवी को लगता था कि उसकी मौत (Death) कभी भी हो सकती है. ऐसे में वो तुरंत अपनी मां को वीडियो कॉल करती थी. मानवी ने बताया कि वो अपनी मां को वीडियो कॉल (Video Call) कर उन्हें आखिरी बार देखना चाहती थी. मानवी को लगता था कि कभी भी उस पर हमला हो सकता है और उसकी मौत हो सकती है. मां के पूछे जाने पर मानवी बोलती थी कि यहां सब कुछ ठीक है और डरने जैसी कोई स्थिति नहीं है.

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मां के दोनों बच्चे थे मुश्किल में

मानवी और उसका बड़ा भाई अंश भार्गव दोनों ही यूक्रेन (Ukraine) के इवानो के नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल (Medical) की पढ़ाई कर रहे थे. मानवी के बड़े भाई अंश भार्गव ने बताया कि किस तरह की स्थिति उस वक्त इवानो शहर में थी. अंश ने बताया कि धमाके की गूंज उन तक पहुंचती थी और सब कुछ धुंआ-धुंआ हो जाता था. उस वक्त उनको ऐसा लगता था कि उनकी मौत कभी भी हो सकती है.

मां को केवल भगवान और पीएम मोदी पर था भरोसा

आज जब मानवी अपनी मां से दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर मिली तब मां और बेटी ने एक दूसरे को देख राहत की सांस ली. मानवी की मां रश्मि भार्गव ने कहा कि सोचिए उस मां का दर्द कितना बड़ा होगा जिसके दोनों बच्चे मुश्किल में फंसे हों, वो मां किस तरह से परेशान होगी. रश्मि भार्गव ने घर में बच्चों की सुरक्षा (Security) के लिए पूजा रखी और लगातार दिया जलाए रखा. मानवी की मां ने बताया कि उन्हें केवल मोदी जी (PM Modi) और भगवान पर भरोसा था. शामली से पूरा परिवार अपने दोनों बच्चों को लेने पहुंचा था और उन्होंने भारत सरकार (Indian Government) और खासकर प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया. ज़ी न्यूज़ से बात करते हुए मां ने बताया कि वो अब थोड़ा सुकून महसूस कर पा रहे हैं.

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यूक्रेन में हालात बेहद नाजुक

मंगलवार को दिल्ली (Delhi) पहुंचे कई छात्रों ने बताया कि यूक्रेन (Ukraine) में हालात बेहद नाजुक हैं. कब क्या हो जाएगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. बड़ी संख्या में लोग अभी भी सीमाओं (Borders) पर भारत वापसी के लिए मदद (Help) का इंतजार कर रहे हैं. छात्रों ने बताया कि हम वापस आ गए हैं तो हमें बहुत खुशी है. यूक्रेन (Ukraine) में हमारे लिए स्थिति बहुत कठिन थी.

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