Kachcha Badam: कौन हैं Bhuban Badyakar? 'कच्चा बादाम' से कैसे इंटरनेट सेंशेशन बन गया मूंगफली बेचने वाला
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Kachcha Badam: कौन हैं Bhuban Badyakar? 'कच्चा बादाम' से कैसे इंटरनेट सेंशेशन बन गया मूंगफली बेचने वाला

सोशल मीडिया पर इन दिनों कच्चा बादाम (Kachcha Badam) गाने की धूम मची हुई है. तमाम स्टार इस गाने पर थिरकते नजर आ रहे हैं. आप यह जानकर रह जाएंगे कि इस गाने का साइकल पर मूंगफली बेचने वाले एक दुकानदार बन बादायकर (Bhuban Badyakar) से गहरा कनेक्शन है. 

साइकल पर मूंगफली बेचने वाले भुबन बादायकर

Kachcha Badam: सोशल मीडिया पर इन दिनों कच्चा बादाम (Kachcha Badam) गाने की धूम मची हुई है. तमाम स्टार इस गाने पर थिरकते नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही लोगों में यह उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है कि इस गाने को गाया किसने है. 

  1. मूंगफली बेचने वाले कंपोज किया गाना
  2. साइकल पर गांव-गांव बेचते हैं मूंगफली
  3. बिक्री बढ़ाने के लिए अपनाई गायन शैली

मूंगफली बेचने वाले कंपोज किया गाना

आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस गाने के रचयिता और कंपोजर साइकल पर मूंगफली बेचने वाले एक दुकानदार हैं. इस दुकानदार का नाम भुबन बादायकर (Bhuban Badyakar) है. वे पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के कुरालजुरी गांव के रहने वाले हैं. उनका 5 लोगों का परिवार है. जिसमें भुबन की पत्नी, 2 बेटे और एक बेटी हैं. वे साइकल पर मूंगफली बेचकर परिवार का गुजारा करते हैं. 

साइकल पर गांव-गांव बेचते हैं मूंगफली

भुबन रोजाना सुबह साइकल उठाकर आसपास के गांवों में निकल जाते हैं. शाम तक वे करीब 3-4 किलो मूंगफली बेचने में कामयाब रहते हैं. बंगाल में मूंगफली को कच्चा बादाम कहते हैं. मूंगफली की इस बिक्री से उन्हें रोजाना 200-250 रुपये की कमाई हो जाती है. 5 सदस्यों के परिवार के लिए यह कमाई बहुत मामूली है लेकिन कोई ओर चारा न होने की वजह से वे इसी काम को करने के लिए मजबूर हैं.

बिक्री बढ़ाने के लिए अपनाई गायन शैली

वे पिछले 10 सालों से मूंगफली यानी कच्चा बादाम (Kachcha Badam) बेचने के लिए गायन शैली अपना रहे हैं. अपनी गायन शैली को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने लोकप्रिय बाउल लोक धुन पर कच्चा बादाम गाने को कंपोज किया. उनका यह गाना हिट हो गया और अब विभिन्न आर्टिस्ट इस गाने की री-मिक्सिंग करके उस पर थिरक रहे हैं. अपने गाने के पॉपुलर हो जाने से अब भुबन (Bhuban Badyakar) की मूंगफली की बिक्री भी बढ़ गई है. 

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सरकार से आर्थिक मदद की गुजारिश

हालांकि उनका कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अगर सरकार उसकी मदद कर दे तो अच्छा रहेगा. भुबन के मुताबिक उन्हें रहने के लिए स्थाई घर और रोजगार की जरूरत है. अगर उनकी ये दो जरूरतें पूरी हो जाएं तो वे अपने परिवार को अच्छे से पाल सकते हैं. 

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