एक महिला वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि उसके अलग रह रहे पति को ‘‘परेशान करने वाला मुकदमेबाज’’ घोषित किया जाए क्योंकि इस व्यक्ति ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ कई ‘‘झूठी’’ और ‘‘मनगढंत’’ आपराधिक शिकायतें दर्ज कराईं हैं.
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नई दिल्ली: एक महिला वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि उसके अलग रह रहे पति को ‘‘परेशान करने वाला मुकदमेबाज’’ घोषित किया जाए क्योंकि इस व्यक्ति ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ कई ‘‘झूठी’’ और ‘‘मनगढंत’’ आपराधिक शिकायतें दर्ज कराईं हैं और इनमें उनके ऊपर धन शोधन से लेकर देह व्यापार, यहां तक कि आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाये गए क्योंकि वह उससे तलाक लेना चाहती थी.
महिला की यह याचिका मंगलवार को न्यायमूर्ति विभु बाखरू के समक्ष पेश की गई और उन्होंने इस मामले में अदालत की सहायता के लिए संजय घोष को न्याय मित्र को नियुक्त किया ताकि यह निर्णय करने में सरलता हो कि इस मामले में किस प्रकार के आदेश दिये जा सकते हैं और याची को किस प्रकार की राहत दी जा सकती है.
अदालत ने पाया कि वादी के पति ने पुलिस, सीबीआई और रॉ सहित विभिन्न एजेंसियों, उसपर व उसके परिजनों के खिलाफ 22 शिकायतें दर्ज कराईं हैं. इनमें उनपर काले धन को जमा करने, देह व्यापार, धनशोधन, कर चोरी और आतंकी गतिविधियों जैसे अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया गया.
वादी के वकील ने उच्च न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि प्रतिवादी को उनके मुवक्किल पर और शिकायतें दर्ज कराने से रोका जाए पर अदालत ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इंकार कर दिया. महिला की याचिका के अनुसार उसके पति ने ये शिकायतें 2014 में तब दायर करना शुरू किया जब उसने इस आदमी से क्रूरता और घरेलू हिंसा के आधार पर तलाक लेना चाहा.
वादी ने अदालत से अनुरोध किया कि प्रतिवादी व्यक्ति को परेशान करने वाला मुकदमेबाज घोषित किया जाए और उसके द्वारा दायर झूठी एवं मनगढंत शिकायतों की जांच के लिये जांच एजेसियों द्वारा किये गए खर्च की वसूली उससे की जाए.