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लखनऊ: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की रोकथाम के साथ उत्तर प्रदेश (UP) में संक्रामक रोगों पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर महाअभियान शुरू किया गया है. इस मुहिम के तहत अब 31 जुलाई तक प्रदेश व्यापी विशेष संचारी रोग नियंत्रण महाअभियान चलेगा. इस दौरान लोगों को संक्रामक रोगों के प्रति जागरूक करते हुए महामारी से बचाव और रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में दिमागी बुखार पर नियंत्रण के लिए 12 से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा. इस दस्तक अभियान में निगरानी समितियां घर-घर जाएंगी. वहीं फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री भी अपना सहयोग प्रदान करेंगी.
छोटे बच्चों के लिए खासतौर पर बनाई गई मेडिसिन किट अब कोविड-19 (Covid-19) महामारी के अलावा अन्य बीमारियों जैसे बुखार (Fever) आदि से पीड़ित होने पर निशुल्क दी जाएगी. वहीं आक्रामक रणनीति के तहत अब बांटी जा रही घर-घर मुफ्त दवा के अभियान को और तेजी दी जाएगी. इसबीच 50 लाख से अधिक बच्चों को निशुल्क मेडिसिन किट दी जाएंगी. आपको बता दें कि 18 साल से कम आयु के लक्षण युक्त बच्चों को चार कैटेगिरी (0-1, 1-5, 5-12 और 12-18 साल) में अलग-अलग किट दी जा रही है.
यूपी सरकार कोरोना महामारी के दौरान प्रदेशवासियों को हर तरह से महामारी की चपेट में आने से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस मिशन के तहत प्रदेश में 70 हजार से अधिक निगरानी समितियों ने करीब सवा 17 करोड़ घरों की स्क्रीनिंग की. वहीं 71 लाख मेडिकल किट वयस्कों को भी निशुल्क दी जा रही हैं.
एक महीने के इस महाअभियान में नगर विकास, पंचायती राज और ग्राम विकास, पशुपालन, शिक्षा, कृषि, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, सिंचाई, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग विशेष कार्य योजना बनाकर काम करेंगे. इसी तरह अब सभी विभागों के सहयोग से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा. वहीं इस दस्तक अभियान में फाइलेरिया का एमडीए कार्यक्रम और क्षय रोगियों का चिह्नीकरण यानी पहचान होगी.
उत्तर प्रदेश में फिलहाल 18 हजार से अधिक सब हेल्थ सेंटर संचालित हो रहे हैं जिनकी संख्या को बढ़ाकर अब 30,000 किया जाएगा. इसके लिए विकास खंड स्तर पर दो महीने में 5,000 नए सब हेल्थ सेंटर बनाकर स्टाफ की तैनाती की जाएगी. सब हेल्थ सेंटर में लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ और सभी को त्वरित चिकित्सकीय सहायता मिलेगी. माध्यमिक शिक्षा विभाग भी 31 जुलाई तक संचारी रोग अभियान चलाएगा. सभी गतिविधियां शिक्षकों और छात्रों के बने 2,90,625 व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से संचालित की जाएंगी.
आम जनमानस को जागरूक करने के लिए निबंध, चित्रकला, पोस्टर, स्लोगन और क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा. वहीं मच्छर जनित रोगों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश में जो विशेष सफाई अभियान चल रहा है उसमें तेजी आएगी.
सरकारी जानकारी के मुताबिक यूपी की सरकार कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर हाई अलर्ट पर है. हालांकि यूपी में अभी इसका एक भी केस नहीं मिला है इसके बावजूद अधिकारी इस बावत पैनी निगाह रख रहे हैं. इसके लिए डेल्टा प्लस संक्रमण वाले राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी और टेस्टिंग तेज की गई है और दूसरे राज्यों से सटे जिलों में जीनोम सिक्वेंसिंग का काम चल रहा है. केजीएमयू लखनऊ और वाराणसी बीएचयू में नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग हो रही है. जल्द ही गौतमबुद्धनगर सहित अन्य जिलों में भी जीनोम सीक्वेंसिंग का काम किया जाएगा.
यूपी मॉडल से उत्तर प्रदेश में कोरोना नियंत्रित हुआ है. इसलिए तीसरी लहर के पहले ही चौतरफा तैयारी की जा रही है. ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट के साथ आंशिक कोरोना कर्फ्यू और टीकाकरण का असर देखने को मिला इस वजह से उत्तर प्रदेश में संक्रमण अब अपने न्यूनतम स्तर पर है.
देश में सबसे ज्यादा नमूनों की 5,81,11,746 जांच कर यूपी ने कीर्तिमान है.
बीते 24 घंटे में 2,67,658 नमूनों की जांच की गई, जिसमें 163 नए केस आए, जबकि 260 डिस्चार्ज किए गए.
जबकि 23 मार्च को एक दिन में सर्वाधिक 38000 केस और 30 अप्रैल को कुल एक्टिव 3,10,000 केस थे.
यूपी में एक्टिव केस तीन हजार से घटकर 2687 हुए, लेकिन दूसरे राज्यों में रोज इससे ज्यादा आ रहे नए केस.
यूपी में रिकवरी रेट बढ़कर 98.5 फीसदी हुई, जबकि कुल पॉजिटिविटी दर 2.94 फीसदी रह गई है.
ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा यूपी, अब तक नए 125 ऑक्सीजन प्लांट लगे, कुल 528 प्लांट पर चल रहा तीव्र गति से काम.
ऑक्सीजन जेनरेटर के माध्यम से 15 फीसदी ऑक्सीजन की 3250 से अधिक बेडों पर हो रही आपूर्ति.
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से सटे हर जिले में एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में लग रहे हैं ऑक्सीजन जेनरेटर्स
मेडिकल कॉलेजों में 5,900 पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) से अधिक बेड तैयार.
हर जिले में होगी आरटीपीसीआर की लैब, तीन माह में 30 अन्य जिलों में भी लगेंगीं प्रयोगशालाएं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘सबका साथ, सबका विकास, मुफ्त वैक्सीन, सबको वैक्सीन’ के मूल मंत्र पर हो रहा टीकाकरण.
सबसे पहले कोरोना मुक्त होने वाले और शत प्रतिशत टीका लगवाने वाले जिले होंगे पुरस्कृत.
जून में एक करोड़ लक्ष्य से अधिक लोगों को एक करोड़ 30 लाख डोज टीके के लगे.
30 जून तक लोगों को रिकॉर्ड कुल 3,12,81,449 डोज टीके के लगे.
18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों को 94,44,070 और 45 आयु वर्ग से अधिक लोगों को 1,85,62,193 डोज टीके की दी गई.
CM हेल्पलाइन लगातार प्रधानों, कोटेदारों और आम लोगों से बात कर रही है. इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव और टीका लगवाने की अपील हो रही है.
यूपी मॉडल के आंशिक कोरोना कर्फ्यू में चलता रहा उद्योगों का पहिया. इस दौरान किसानों और जरूरतमंदों का भी ख्याल रखा गया है.
प्रदेश के 2.47 करोड़ किसानों को मिला प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ, सीधे 32,500 करोड़ किसानों के खातों में भेजे गए.
पिछले साल की तुलना में 20.63 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद हुई.
साढ़े 56 लाख मीट्रिक टन से अधिक हुई गेहूं खरीद, करीब 13 लाख किसानों को साढ़े 10 हजार करोड़ से अधिक का हुआ भुगतान.
सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान में बनाया रिकार्ड, 2017 से अब तक चीनी मिलों ने 1,40,000 करोड़ रुपए से अधिक का किया भुगतान.
सीएम योगी का निर्देश, एक भी जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे, राशन कार्ड न हो, तो तत्काल बनाएं.
यूपी सरकार की ओर से 25 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश के 14.81 करोड़ लाभार्थियों को दिया जा रहा निशुल्क राशन.
योगी सरकार अंत्योदय और पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों को जुलाई और अगस्त में भी मुफ्त राशन देगी.
‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना’ के तहत भी नवंबर तक राशन पात्रों को निशुल्क वितरण किया जाएगा.
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