ZEE जानकारीः दुनिया के 77 प्रतिशत युवा, नींद ना आने की वजह से बीमार हो रहे हैं
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ZEE जानकारीः दुनिया के 77 प्रतिशत युवा, नींद ना आने की वजह से बीमार हो रहे हैं

आज World Sleep Day है और इस मौके पर हम आपकी नींद का हिसाब किताब करेंगे. बैंक कर्मचारियों की भाषा में कहें तो आप इसे नींद का Audit भी कह सकते हैं. पूरी दुनिया इस वक्त नींद की कमी से संघर्ष कर रही है. 

ZEE जानकारीः  दुनिया के 77 प्रतिशत युवा, नींद ना आने की वजह से बीमार हो रहे हैं

आपको याद होगा कि वर्ष 2003 से 2014 के बीच Zee News पर.... Crime Files नाम का एक कार्यक्रम दिखाया जाता था. इस कार्यक्रम की Tag line हुआ करती थी...चैन से सोना है तो जाग जाओ . ऐसा कहने का मकसद अपराध के प्रति आपको जागरूक करना था... लेकिन इस बात को आज कम नींद लेने वालों से जोड़ा जाए तो कहा जाएगा कि 'चैन से जीना है तो समय पर सो जाओ'.आज World Sleep Day है और इस मौके पर हम आपकी नींद का हिसाब किताब करेंगे. बैंक कर्मचारियों की भाषा में कहें तो आप इसे नींद का Audit भी कह सकते हैं. पूरी दुनिया इस वक्त नींद की कमी से संघर्ष कर रही है. 

अगर आप 8 से 9 घंटे की नींद ले रहे हैं तो आप दुनिया के सबसे खुशकिस्मत लोगों में से एक हैं. लेकिन दुख की बात ये है कि दुनिया के 77 प्रतिशत युवा, नींद ना आने की वजह से बीमार हो रहे हैं. इस सर्वे में भारत सहित दुनिया के 13 देशों के 15 हज़ार लोगों को शामिल किया गया है. इस सर्वे में भारत और जापान के लोगों की हालत चिंताजनक है. इन दोनों ही देशों के लोग औसतन 7 घंटे से कम सोते हैं जबकि अच्छी नींद लेने वाले देशों की लिस्ट में Argentina, Spain और Ukraine शामिल है. इन देशों में लोग औसतन 10 घंटे की नींद लेते हैं 

सबसे पहले आप कम नींद से संघर्ष कर रहे जापान के लोगों की कुछ तस्वीरे देखिए इसके बाद हम भारत के लोगों के बारे में बात करेंगे . जापान की सड़कों और मेट्रो स्टेशन्स पर सोते हुए लोगों की तस्वीर देखकर आपको लग रहा होगा कि ये लोग बहुत बीमार हैं या इन्होंने किसी तरह का नशा किया है लेकिन ऐसा नहीं है. काम के दवाब और कम नींद लेने की वजह से ये लोग बहुत थके हुए हैं हालत इतनी ख़राब है कि ये लोग चलने फिरने की हालत में नहीं हैं. एक सर्वे के मुताबिक जापान में काम के दबाव की वजह से करीब 2 हज़ार लोग  हर साल आत्महत्या कर लेते हैं. इनमें से ज़्यादातर लोग कम नींद लेने की वजह से डिप्रेशन से पीड़ित होते हैं.

इस समस्या को कम करने के लिए जापान की कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए Office में ही नींद लेने की व्यवस्था की है. कुछ देर की नींद से कर्मचारी तरोताज़ा महसूस करते हैं और फिर काम में लग जाते हैं . लेकिन भारत की स्थिति जरा हटकर है. 

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