ZEE जानकारी: पूरी दुनिया में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के मामले में भारत सबसे आगे
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ZEE जानकारी: पूरी दुनिया में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के मामले में भारत सबसे आगे

समय समय पर इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के मामले में भारत पूरी दुनिया में पहले नंबर पर है. वर्ष 2014 से लेकर इस साल 15 दिसंबर तक..भारत में 357 बार..इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं .

ZEE जानकारी: पूरी दुनिया में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के मामले में भारत सबसे आगे

समय समय पर इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के मामले में भारत पूरी दुनिया में पहले नंबर पर है. वर्ष 2014 से लेकर इस साल 15 दिसंबर तक..भारत में 357 बार..इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं . 2014 में सिर्फ 6 बार इंटरनेट सेवाएं रोकी गईं थी. लेकिन 2015 में आंकड़ा बढ़कर 14 हो गया. 2016 में 31 बार इंटरनेट सेवाएं रोकी गईं, 2017 में ऐसे 79 मौके आए. जबकि 2018 में 134 बार इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया. और 2019 में अब तक 93 बार इंटरनेट सेवाओं को रोका जा चुका है.

इस साल 15 दिसंबर तक देश भर के कुल 167 स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं रोकी गई थीं. इनमें सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर के 93 स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं रोकीं गईं. जबकि राजस्थान में 18 स्थान, असम में 12 स्थान, उत्तर प्रदेश में 11 स्थान और पश्चिम बंगाल में 9 स्थानों पर इंटरनेट सेवाओं को बंद करना पड़ा.

नए कानून के नाम पर जो हो रहा है वो डिजिटल इंडिया के पहले दंगे हैं. बीजेपी ने 2014 में डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके चुनाव प्रचार किया था...देश के युवाओं को अपने साथ जोड़ा था . और डिजिटल क्रांति का इस्तेमाल करके ही...शानदार जीत दर्ज की थी. जब बीजेपी सत्ता में आ गई तो सरकार ने डिजिटल इंडिया की शुरुआत की लेकिन आज उसी डिजिटल इंडिया में हो रहे डिजिटल दंगों को बीजेपी रोक नहीं पा रही है .

यही वजह है कि देश के अलग अलग स्थानों पर बार बार इंटरनेट सेवाएं रोकनी पड़ती हैं. 2018 में पूरी दुनिया में इंटरनेट बंद करने की जितनी घटनाएं हुईं...उनमें से 67 प्रतिशत भारत में घटीं . ये हाल तब है..जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, भारत में Internet Data सबसे सस्ता है..और भारत में इंटरनेट को अब अघोषित तौर पर बुनियादी अधिकार का दर्जा दिया जाने लगा है.

लेकिन जब कुछ लोग इस अधिकार का गलत इस्तेमाल करके...इसे दंगा भड़काने के लिए इस्तेमाल करते हैं तो कई बार हवा में भी धारा 144 लगानी पड़ती है . हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं..क्योंकि आपको मोबाइल फोन तक Internet सेवाएं Wireless तकनीक से पहुंचती है यानी इनके लिए हवा में मौजूद रेडियो तरंगों को इस्तेमाल किया जाता है. आप इन्हें Internet Traffic के लिए इस्तेमाल होने वाली Digital सड़कें भी कह सकते हैं..जो किसी को दिखाई नहीं देती .

इस हिंसा की वजह से सिर्फ डिजिटल सड़कों पर ही पाबंदी नहीं लगी. बल्कि शहरों को जोड़ने वाले कई रास्तों को भी आज बंद कर दिया गया. जिस वजह से सड़कों पर लंबे लंबे जाम लग गए...दिल्ली को गुड़गांव से जोड़ने वाली सड़क पर लंबा जाम लग गया और लोग 3 से 4 घंटे तक इस जाम में फंसे रहे .

इसके अलावा सुबह. नोएडा, और दिल्ली के कई इलाकों में लंबे लंबे जाम लग गए. और शाम को फिर से जाम का ये सिलसिला शुरू हो गया . यानी पहले इस प्रदर्शन की वजह से..लोग सुबह अपने काम पर देर से पहुंचे और शाम को घर लौटने में भी लोगों को परेशानी हुई.

इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं बंद हो जाने की वजह से. कई लोगों के परिवार भी चिंतित हो गए..माता-पिता अपने बच्चों को लेकर चिंतित थे..तो ऑफिस जाने वाले लोग अपने घर पर...फोन करके...ये बताने की स्थिति में भी नहीं थे...कि वो सही सलामत हैं भी या नहीं.

यानी कुछ दंगाइयों ने आज देश के करोड़ों परिवारों को चिंता में डालकर रखा.

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