ZEE Jankari: पाकिस्तान और अमेरिका के हथियार वाले रिश्तों में होगा 'तलाक'!
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ZEE Jankari: पाकिस्तान और अमेरिका के हथियार वाले रिश्तों में होगा 'तलाक'!

आपको बता दें, कि JF-17 एक Chinese-designed fighter jet है.  जिसे पाकिस्तान और चीन मिलकर बनाते हैं.  

ZEE Jankari: पाकिस्तान और अमेरिका के हथियार वाले रिश्तों में होगा 'तलाक'!

जब से भारतीय वायुसेना ने जैश के अड्डों पर हवाई हमले किए हैं, तब से एक शब्द की काफी चर्चा हो रही है. और वो शब्द है Dog-Fight....हिन्दी में इसका अनुवाद हुआ, कुत्तों के बीच होने वाली लड़ाई.  लेकिन वायुसेना के संदर्भ में इस शब्द के मायने बहुत महत्वपूर्ण हैं.  आज हम इस शब्द का मतलब भी आपको समझाएंगे. लेकिन उससे पहले आपको ये ज़रुर बता दें, कि F-16 वाले झूठ पर पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है.  क्योंकि, अमेरिका अब पाकिस्तान से ये जानना चाहता है, कि क्या उसने अमेरिका द्वारा बनाए गए F-16 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल भारत पर हमले के लिए किया. 

ये एक बहुत बड़ी ख़बर है, जो आने वाले दिनों में पाकिस्तान और अमेरिका के हथियार वाले रिश्तों को तोड़ सकती है. 27 फरवरी को भारतीय वायुसेना के MiG 21 Bison एयरक्राफ्ट में सवार विंग कमांडर अभिनंदन ने एक ऐसी ही Dog-Fight के दौरान, पाकिस्तानी वायुसेना के F-16 फाइटर जेट को मार गिराया. 

हालांकि, तब से लेकर अब तक पाकिस्तान ने दो बातों से इनकार किया है.  पहली बात ये, कि उसका कोई भी विमान 27 फरवरी को Crash नहीं हुआ.  और दूसरी बात ये, कि उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर F-16 से हमला नहीं किया था.  लेकिन, Zee News ने पाकिस्तान की चोरी 5 दिन पहले भी पकड़ी थी.  और आज भी हम ऐसा ही करेंगे.  ये क्यों और कैसे होगा...इसे समझने से पहले आपको Dog-Fight का मतलब बताना ज़रुरी है.  क्योंकि, ऐसे ही Dog-Fight में पाकिस्तान के आधुनिक F-16 फाइटर जेट को 65 साल पुराने Design वाले MiG 21 Bison ने मार गिराया. 

आसमान में दो या दो से ज़्यादा लड़ाकू विमानों की लड़ाई को Dog-Fight कहा जाता है.  पहली Dog-Fight सन 1914 में हुए पहले विश्व युद्ध के दौरान हुई थी.  उन दिनों, विमान के पायलट को... दुश्मन को चकमा देने के साथ ही गनर की कमांड को एक साथ सुनना होता था.  पायलट आम तौर पर दुश्मन विमान के मुकाबले बेहतर और अच्छी Position खोजने की कोशिश करते हैं.

 चकमा देने के लिए कई बार पायलट अपनी Position को सूरज और दुश्मन के विमान के बीच कायम करने की कोशिश करते हैं.  ताकि तेज़ चमक की वजह से दूसरा पायलट, विमान की Position न देख पाए.  इस दौरान पायलट, विमान की Tail यानी पीछे के हिस्से को Clear रखने की कोशिश करते हैं.  ताकि, मौका मिलने पर वो घूमकर, अपने दुश्मन की तरफ बंदूक तान दें. 

Aerial Combat के दौरान भारत के MiG 21 और पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान के बीच कुछ इसी तरह की Dog-Fight हुई होगी.  अब सवाल ये है, कि MiG 21 ने F-16 को कैसे मार गिराया ? और उससे भी बड़ा सवाल ये है, कि पाकिस्तान F-16 वाले सच को छिपाने की कोशिश क्यों कर रहा है ? इसे अगर साधारण भाषा में समझना हो, तो आपको पाकिस्तान के Central Film Censor Board के Chairman, Danyal Gilani का ये Tweet देखना चाहिए. 

जब इन्होंने F-16 फाइटर जेट बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Lockheed Martin को Tag करते हुए एक Tweet किया था.  और लिखा था, कि ये कंपनी भारत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रही है.  साथ ही इन्होंने कंपनी का हवाला देते हुए ये भी कहा था, कि पाकिस्तान की वायुसेना के बेड़े में मौजूद सारे F-16 फाइटर जेट्स सुरक्षित हैं.

लेकिन, इसके तुरंत बाद Lockheed Martin India के आधिकारिक Twitter Handle से ये जवाब दिया गया, कि उस कंपनी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.  इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं, कि पाकिस्तान की सरकार के प्रतिनिधि कैसे F-16 वाले सच को झूठ साबित करने पर तुले हुए हैं. और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है, पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हुई F-16 वाली डील.  रविवार को इस्लामाबाद में U.S. Embassy के प्रवक्ता ने कहा है, कि वो इस बात की जांच कर रहे हैं, कि क्या भारत पर हमले के लिए पाकिस्तान ने इस लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया. 

क्योंकि, अगर ऐसा हुआ है, तो ये अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हुई Military Sale Agreement का सीधे-सीधे उल्लंघन है. U.S. Embassy के प्रवक्ता ने ये भी कहा है, कि वो अपने हथियार के ग़लत इस्तेमाल को काफी गंभीरता से लेता है.  और सबूतों के आधार पर ये बात साबित हो चुकी है, कि पाकिस्तान ने इस डील के नियमों को तोड़ा है. 

इसलिए इस बात की संभावना बढ़ गई है, कि अमेरिका, पाकिस्तान के साथ भविष्य की सभी ‘Foreign Military Sales’ की डील को रद्द कर देगा.  और इस डील के तहत पहले बेचे गए हथियारों के इस्तेमाल पर कड़े प्रतिबंध भी लगा देगा.  अब ये देखिए, कि MiG 21 द्वारा F-16 को मार गिराना, भारतीय वायुसेना और उसके Pilots के लिए कितनी बड़ी उपलब्धि है.  F-16 फाइटर जेट को पहली बार वर्ष 1978 में Introduce किया गया था.  जबकि, MiG 21 को उससे 19 साल पहले वर्ष 1959 में Introduce किया गया था.  F-16 की गिनती आज के सबसे Advanced Fighter Jets में होती है. 

ये अपनी रफ्तार और मारक क्षमताओं की वजह से दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू विमानों में से एक है.  लेकिन 60 के दशक में बने MiG 21 के ज़रिए गिराए जाने के बाद इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. अमेरिका सहित दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इस बात पर बहस छिड़ गई है, कि MiG 21 जैसा पुराना लड़ाकू विमान, F-16 को कैसे Hit कर सकता है ? और ये बहस इसलिए छिड़ी है, क्योंकि F-16 के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब MiG 21 जैसे लड़ाकू विमान ने उसे मार गिराया है. 

हालांकि आज से 15 साल पहले, वर्ष 2004 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था.  फर्क सिर्फ इतना था, कि वो असली युद्ध नहीं, बल्कि एक Mock Drill थी.  और उस दौरान भी भारतीय वायुसेना के Pilots ने अमेरिकी वायुसेना के F-Series के एयरक्राफ्ट्स को पीछे छोड़ दिया था.  फरवरी 2004 में ग्वालियर में Cope India Exercise हुई थी. 

और इस युद्ध अभ्यास के 13 दिनों के दौरान हर बार अमेरिका के F-Series फाइटर जेट्स को हार झेलनी पड़ी.  भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स और Pilots ने अमेरिकी फाइटर जेट्स और उन्हें उड़ाने वाले Pilots को, अलग-अलग प्रतियोगिताओं में 9 के मुक़ाबले 1 से हराया था.  यानी 10 में से 9 प्रतियोगिताएं भारतीय वायुसेना ने जीती थीं.

हालांकि, दिलचस्प बात ये है, कि उस वक्त अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय वायुसेना की इस क़ामयाबी को नज़रअंदाज़ कर दिया था.  लेकिन 15 साल पहले युद्ध अभ्यास के लिए भारत आए, United States Air Force के टीम लीडर, कर्नल Greg ने एक दिलचस्प बात कही थी. 

उन्होंने कहा था, कि दो हफ्तों तक चले युद्ध अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना ने साबित कर दिया है, कि वो दुनिया की बेहतरीन एयरफोर्स के साथ आमने सामने खड़े हैं.  यानी शक्ति के लिहाज़ से भारतीय वायुसेना किसी से कम नहीं है.  इसी के साथ उन्होंने ये भी टिप्पणी की थी, कि वो उन Pilots पर तरस खाते हैं, जिन्हें भारतीय वायुसेना के किसी Pilot से सामना करना पड़ता है.  क्योंकि, अगर किसी दुश्मन ने भारतीय वायुसेना के Pilot को कम आंकने की कोशिश की, तो दुश्मन देश का वो Pilot घर नहीं जा पाएगा.  इस कथन से साबित हो जाता है, कि युद्ध केवल हथियारों से नहीं लड़े जाते.

  इसके लिए जवानों के जोश, जज्बे और युद्ध कौशल की ज़रूरत होती है.  और 27 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने अपने Pilots की बदौलत इस कथन को सत्य साबित किया है. अमेरिका के प्रकोप से बचने के लिए पाकिस्तान अपने मीडिया की मदद से ये साबित करने पर तुला हुआ है, कि उसने F-16 से नहीं, बल्कि JF-17 से भारत की सीमा में घुसकर हमला किया था. 

आपको बता दें, कि JF-17 एक Chinese-designed fighter jet है.  जिसे पाकिस्तान और चीन मिलकर बनाते हैं.  पाकिस्तान ने ये भ्रम फैलाने की कोशिश की, कि जिस AMRAAM missile से हमला हुआ था, वो F-16 का नहीं, बल्कि ताइवान का था.  लेकिन अब से थोड़ी देर पहले ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इस झूठ को भी Expose कर दिया है. 

और कहा है, कि AMRAAM missile को लेकर ताइवान पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं.  इस बीच भारतीय वायुसेना के पराक्रम से पाकिस्तान के साथ साथ अमेरिका की कंपनी Lockheed Martin को भी नुकसान हुआ है.  इस कंपनी पर सवाल उठ रहे हैं.  क्योंकि, MiG 21 जैसे पुराने लड़ाकू विमान से F-16 का क्रैश होना..

.इस कंपनी के लिए किसी बेइज्ज़ती से कम नहीं है. ये कंपनी वर्ष 2020 तक भारतीय वायुसेना के लिए खरीदे जाने वाले 114 लड़ाकू विमानों के Contract की Race में शामिल है.  इस कंपनी को उम्मीद थी, कि वो 1 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपये की ये डील हासिल कर लेगी.  लेकिन, MiG 21 द्वारा F-16 गिराए जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है, कि Lockheed Martin के Competitors को इस डील में फायदा होगा.  भारतीय वायुसेना की ज़रुरत को ध्यान में रखते हुए पिछले महीने भी इस कंपनी ने Aero india Show में F-16 के modified version का एक Prototype पेश किया था. 

लेकिन...ऐसा लग रहा है, कि अब ये डील भी इस कंपनी के हाथ से निकल सकती है. इस तरह के युद्ध हथियार बनाने वाली कंपनियों के लिए एक प्रदर्शनी की तरह होते हैं और हथियार बनाने वाली कंपनियां इन युद्धों को एक विज्ञापन की तरह इस्तेमाल करती हैं. देश की सुरक्षा के लिए एक सैनिक को दो मोर्चों पर लड़ाई करनी होती है. एक मोर्चा होता है देश के दुश्मनों के खिलाफ़ और दूसरा मोर्चा होता है अपनी भावनाओं के खिलाफ़. 

लड़ाई के दौरान अपने साथियों को खोकर... अपनी भावनाओं को काबू में रखते हुए देश की सेवा करना... एक सैनिक के लिए सबसे बड़ी चुनौती है .  सैनिक की भावनाएं बार बार उसके लक्ष्य पर हावी होने की कोशिश करती हैं लेकिन सैनिक अपने शौर्य से इन भावनाओं को काबू में कर लेता है. आप जो ये तस्वीरें देख रहे हैं वो इस बात सबसे बड़ा प्रमाण है कि सैनिक को अपनी भावनाओं को कुछ ही देर में काबू में करना होता है क्योंकि देश की सुरक्षा का लक्ष्य...

.शोक मनाने की इजाज़त नहीं देता.  2 मार्च को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा इलाके में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 2 जवान और CRPF के 3 जवान शहीद हो गये थे.  जबकि इस Operation में 2 आतंकवादियों को मार दिया गया था.  इस Operation को पूरा करने के बाद.. शहीद हुए जवानों के शवों को देखकर.... उनके साथी बहुत भावुक हो गये और अपने आंसू रोक नहीं पाए .  सबसे भावुक पल उस समय आया जब शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर को ताबूत में रखकर उनके घर भेजा जा रहा था. इस आख़िरी विदाई के दौरान CRPF के कुछ जवानों की आंखों में आंसू आ गये . 

अक्सर कुछ लोग भावुकता को कमज़ोर होने की निशानी मान लेते हैं लेकिन भावुक होना... संवेदनशील होने का सबसे बड़ा सबूत है और संवदेनशील लोग ही ... मानवता के सच्चे रक्षक होते हैं .  अपने साथियों को अंतिम विदाई देने के बाद ये जवान फिर से देश की सुरक्षा में तैनात हो गये क्योंकि देश की सुरक्षा के सामने किसी और भावना का कोई स्थान नहीं है.

अब हम इंटरनेट के उन वीरों और बहादुरों की बात करना चाहते हैं जो सोशल मीडिया के Fighter Plane में सवार होकर अपने विचारों की बमबारी से पाकिस्तान का नामोनिशान मिटाना चाहते हैं .  ये वो लोग हैं जो सोशल मीडिया पर अपनी DP बदलकर.. शहीद जवानों के प्रति शोक ज़ाहिर करते हैं . 

विंग कमांडर अभिनंदन की तरह मूंछे बढ़ाकर देशभक्ति वाला जोश दिखाते हैं .  इसमें कोई शक नहीं है कि देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए सैनिक होना बहुत आवश्यक है लेकिन बिना सैनिक हुए भी देश की सेवा की जा सकती है .  ये आप पर निर्भर करता है कि आप इस ज़िम्मेदारी को किस तरह निभाते हैं . 

सोशल मीडिया पर अपने विचार रखना कोई गलत बात नहीं है लेकिन युद्ध के लिए सरकार और सेना पर दबाव बनाना ठीक बात नहीं है .  युद्ध का फैसला एक बहुत बड़ा फैसला होता है ...और इसे आवेश में आकर नहीं लिया जा सकता.  आज आपको जम्मू-कश्मीर के बडगाम में एक हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए Squadron leader, निनाद मंडावगाने की पत्नी की एक अपील सुननी चाहिए . 

ये अपील ख़ासतौर पर उन लोगों के लिए की गई है जो सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं लेकिन जब समाज के लिए अपना योगदान देने की बारी आती है तो ये लोग... ज़िम्मेदारियों से भागते हैं और दूसरों से सारी उम्मीदें करने लगते हैं.  आप ये बयान सुनिये.. इसे सुनकर आपके मन में देश के प्रति ज़िम्मेदारी के भाव आएंगे.

विजेता मंडावगाने की ये अपील आज देश के बहुत से लोगों को कड़वी लग रही होगी क्योंकि सच... कड़वा होता है .  हमारे देश के लोग सुरक्षा की सारी ज़िम्मेदारी सैनिक के ऊपर डालकर, मौज-मस्ती करना चाहते हैं .  ऐसे लोगों को ये समझने की ज़रूरत है कि देश की सुरक्षा.

.. बॉर्डर पर सैनिक के रूप में ही नहीं बल्कि देश के एक जागरूक नागरिक के रूप में भी की जा सकती है.  आप किसी भी रूप में देश की सेवा कर सकते हैं इसके लिए किसी विशेष वर्दी या किसी महत्वपूर्ण पद की आवश्यकता नहीं है .  आप लेखक, वैज्ञानिक, पत्रकार, अध्यापक, डॉक्टर या वकील के रूप में भी देश की सेवा और सुरक्षा कर सकते हैं . 

सोशल मीडिया के इस दौर में बहादुर बनना, बहुत आसान है.  लेकिन असली बहादुरी तब मानी जाएगी जब आप समाज के लिए सशक्त रूप से अपनी ज़िम्मेदारी निभाएंगे.  अगर आपको कुछ Viral करना ही है तो पाकिस्तान के Propaganda को नहीं, बल्कि इस वीडियो को Viral कीजिए. 

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