तनाव जब अधिक और अनियंत्रित हो जाता है तो यह हमारे मस्तिष्क और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और यह कब अवसाद में बदल जाता है, व्यक्ति को पता भी नहीं चलता.
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नई दिल्ली: थोड़ी मात्रा में तनाव या स्ट्रेस होना हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है. यह कभी-कभी फायदेमंद भी होता है जैसे, किसी कार्य को करने के लिए हम स्वयं को हल्के दबाव में महसूस करते हैं जिससे कि हम अपने कार्य को अच्छी तरह से कर पाते हैं और कार्य करते वक्त उत्साह भी बना रहता है. लेकिन जब यह तनाव अधिक और अनियंत्रित हो जाता है तो यह हमारे मस्तिष्क और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और यह कब अवसाद (Depression) में बदल जाता है, व्यक्ति को पता भी नहीं चलता.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यदि इस गंभीर बीमारी को समय रहते काबू ना किया जाए तो इंसान अपनी जान तक दे सकता है. साइकोलॉजी और फार्माकोलॉजी के जरिए डिप्रेशन का इलाज संभव है.
हालांकि मनोचिकित्सक मानते हैं कि घर में कुछ खास बदलाव करने से भी डिप्रेशन से निजात पाई जा सकती है.
1. प्राकृतिक सौंदर्य का करीब से एहसास करने पर मानसिक थकान दूर होती है. यह डिप्रेशन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ये बेहद कारगर हो सकता है. घर में खूबसूरत पौधे लगाकर भी खुद को डिप्रेशन से दूर रख सकते हैं.
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2. दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग न सिर्फ घर की खूबसूरती में चार चांद लगाएगी, बल्कि डिप्रेशन की समस्या को भी दूर करेगी. आप चाहें तो नदी, बहता झरना या प्रकृति की खूबसूरत तस्वीरों को भी दीवार पर लगा सकते हैं.
3. हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि डिप्रेशन के वक्त लाल या संतरी रंग आंख और दिमाग को काफी राहत देते हैं. इसलिए घर की दीवारों को इन दो रंगों से पेंट करना ना भूलें. साथ ही घर का इंटीरियर या बेड शीट भी इसी रंग की हो तो बेहतर होगा.
4. ध्यान रखें कि बंद कमरे में इंसान का दम ज्यादा घुटता है. इसलिए घर के दरवाजों से हमेशा रोशनी आती रहे. कमरों की खिड़कियां बड़ी हों, जहां आप रोज सुबह उठकर सूर्य के प्रकाश और हवा की ताजगी को महसूस कर सकें. इस तरह के रूटीन को फॉलो करने पर डिप्रेशन की समस्या से राहत मिल सकती है.
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डिप्रेशन से बचने के उपाय
1. डिप्रेशन के रोगी को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए तथा ऐसे फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो.
2. चुकन्दर (Beetroot) का सेवन जरूर करें, इसमें उचित मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जैसे विटामिन्स, फोलेट, यूराडाइन और मैग्निशियम आदि. यह हमारे मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स की तरह काम करते हैं जो कि अवसाद के रोगी में मूड को बदलने का कार्य करते हैं.
3. अपने भोजन में एवं सलाद के रूप में टमाटर का सेवन करें. टमाटर में लाइकोपीन नाम का एंटी-ऑक्सिडेंट पाया जाता है जो अवसाद से लड़ने में मदद करता है. एक शोध के अनुसार जो लोग सप्ताह में 4-6 बार टमाटर खाते हैं वे सामान्य की तुलना में कम अवसाद ग्रस्त होते हैं.
4. जंक फूड का सेवन पूरी तरह छोड़ दें.