शरीर को इन दो उम्र में लगता है बुढ़ापे का झटका- स्टडी में हुआ खुलासा, हेल्दी एजिंग के लिए ऐसे करें प्लान
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शरीर को इन दो उम्र में लगता है बुढ़ापे का झटका- स्टडी में हुआ खुलासा, हेल्दी एजिंग के लिए ऐसे करें प्लान

Sign Of Aging: 25 के बाद आमतौर पर लोगों को अपने दिनों दिन बूढ़े होने की चिंता सताने लगती है. लेकिन शरीर पर एजिंग के संकेत हर उम्र में नहीं दिखायी पड़ते हैं. 

 

शरीर को इन दो उम्र में लगता है बुढ़ापे का झटका- स्टडी में हुआ खुलासा, हेल्दी एजिंग के लिए ऐसे करें प्लान

उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के बारे में वैज्ञानिकों ने नई जानकारी दी है, जो उम्र के उन दो महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर करती है जब शरीर में उम्र बढ़ने के संकेत सबसे स्पष्ट रूप से दिखने लगते हैं.

अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में किए गए शोध के अनुसार, 44 साल की उम्र में और फिर 60 साल की उम्र में बुढ़ापे के संकेत नजर आते हैं.  

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पहले चरण में उम्र बढ़ने के संकेत

44 साल की उम्र के आसपास, शरीर में उम्र बढ़ने के शुरुआती संकेत दिखाई देने लगते हैं. यह वह समय है जब शारीरिक प्रदर्शन में कमी और मानसिक प्रक्रियाओं में बदलाव देखा जा सकता है. इस उम्र में, शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत की क्षमता में धीरे-धीरे कमी आनी शुरू हो जाती है. इससे मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति में कमी आ सकती है, और मानसिक तेजी भी प्रभावित हो सकती है.

स्वस्थ रहने के लिए करें ये काम

विशेषज्ञों के अनुसार, यह समय युवावस्था से परिपक्वता की ओर बढ़ने का संकेत है, जिसमें शरीर के अंग और तंत्र धीरे-धीरे अपना प्रदर्शन खोने लगते हैं. इस उम्र में जीवनशैली और आहार की आदतें उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं. उचित पोषण, नियमित व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना इस प्रारंभिक चरण में उम्र बढ़ने के प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है.

दूसरे चरण में उम्र बढ़ने के संकेत

60 साल की उम्र के आसपास उम्र बढ़ने के प्रभाव अधिक स्पष्ट हो जाते हैं. इस समय तक, शरीर की कोशिकाओं और अंगों के कार्य में महत्वपूर्ण कमी हो सकती है. हड्डियों की घनत्व में कमी, मांसपेशियों की ताकत में और कमी, और संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में गिरावट देखी जा सकती है. इस चरण में, वृद्धावस्था की सामान्य बीमारियों जैसे हृदय रोग, मधुमेह, और गठिया का जोखिम बढ़ जाता है.

हेल्दी एजिंग के लिए उपाय

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस उम्र में शरीर की मरम्मत की क्षमता बहुत कम हो जाती है, और जीवनशैली, आहार और नियमित स्वास्थ्य जांच इस समय के प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार, और मानसिक उत्तेजना इस अवधि में समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद कर सकते हैं.

बुढ़ापे में हेल्दी रहने का तरीका

हालांकि उम्र बढ़ना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन इन दो विशेष उम्र के बिंदुओं पर सावधानीपूर्वक ध्यान देने से हम उम्र बढ़ने के प्रभावों को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं. 44 और 60 साल की उम्र के दौरान शरीर और मस्तिष्क के विकास और कार्य में आए बदलावों को समझकर और उचित जीवनशैली अपनाकर, हम अपनी उम्र बढ़ने की यात्रा को स्वस्थ और सुखद बना सकते हैं.

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