अभिनेता श्रेयस तलपड़े को गुरुवार की शाम को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद मुंबई के बेलेव्यू अस्पताल में उनकी एंजियोप्लास्टी करनी पड़ी. 47 वर्षीय श्रेयस अपनी आगामी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, तभी उनको दिल का दौरा पड़ा.
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बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपड़े को गुरुवार की शाम को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद मुंबई के बेलेव्यू अस्पताल में उनकी एंजियोप्लास्टी करनी पड़ी. 47 वर्षीय श्रेयस अपनी आगामी फिल्म 'वेलकम टू जंगल' की शूटिंग कर रहे थे, जब उन्हें सीने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों के मुताबिक अब उनकी हालत स्थिर है. हालांकि, इस घटना ने युवाओं में दिल की बीमारी के बढ़ते खतरे की ओर ध्यान दिलाया है.
फोर्टिस अस्पताल नोएडा के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय कौल कहते हैं कि एक कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में, मैं अक्सर ऐसे मामलों से मिलता हूं, जो दिल की सेहत के बारे में आम धारणाओं को चुनौती देते हैं. 47 साल की उम्र में स्वस्थ दिखने वाले श्रेयस तलपड़े को हुआ दिल का दौरा, युवा वयस्कों में दिल की सेहत की अनदेखी वास्तविकता को उजागर करता है. उनके मुताबिक, सबसे बड़ा मिथक यह है कि दिल का दौरा केवल बुजुर्गों या उन लोगों को होता है, जिनमें पहचाने योग्य जोखिम फैक्टर होते हैं. हालांकि, उम्र दिल की समस्याओं से प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करती है. जीवनशैली के विकल्प और जेनेटिक्स दिल की सेहत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन कम ज्ञात फैक्टर भी कम उम्र में दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं.
युवाओं में हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर
पारिवारिक इतिहास
जेनेटिक्स कम उम्र में दिल की समस्याओं के होने की संभावना को काफी प्रभावित कर सकते हैं. अगर परिवार में समय से पहले हृदय रोग का इतिहास है, तो व्यक्तियों को अपने हृदय स्वास्थ्य के प्रति विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए.
छिपी हुई बीमारियां
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी कुछ चिकित्सकीय स्थितियां दिल की बीमारी के विकास में चुपचाप योगदान दे सकती हैं. सावधानी से प्रबंधित नहीं की गई स्थितियां भी बढ़ सकती हैं और दिल की समस्याओं को ट्रिगर कर सकती हैं.
तनाव और लाइफस्टाइल
अत्यधिक तनाव, खराब खान-पान, व्यायाम की कमी और धूम्रपान ऐसे जाने-माने फैक्टर हैं जो युवाओं में भी दिल की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं. तनाव को मैनेज और दिल के लिए अचछी लाइफस्टाइल अपनाना महत्वपूर्ण निवारक उपाय हैं.
अनदेखे लक्षण
युवा व्यक्तियों में दिल की समस्याओं के लक्षण अलग तरह से प्रकट हो सकते हैं, जिससे अक्सर अनदेखी या गलत व्याख्या होती है. सीने में तकलीफ, सांस की तकलीफ, थकान या अस्पष्ट दर्द जैसे सूक्ष्म संकेतों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.