2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मुकाबला कड़ा होने जा रहा है, क्योंकि बीजेपी के सामने इस बार कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन है. इसके अलावा एक और बड़ा चेहरा इस चुनाव के दौरान मैदान में है. ये हैं अभिनेता प्रकाश राज. वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. ऐसे में पीसी मोहन के सामने हैट्रिक लगाना चुनौती भरा होगा.
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बेंगलुरु: लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के सामने 2014 का प्रदर्शन दोहराने का दबाव होगा. 2014 में बीजेपी ने कर्नाटक में 17 सीटें हासिल की थीं. कांग्रेस को 9 और जेडीएस को 2 सीटें मिली थीं. बीजेपी की इस प्रदर्शन के पीछे बेंगलुरु में उसका बेहतरीन प्रदर्शन था. इनमें से एक सीट थी बेंगलुरु सेंट्रल. इस सीट को 2008 में बेंगलुरु उत्तर और दक्षिण सीट को मिलाकर बनाया गया था. तब से इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है. 2009 और 2014 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी के पीसी मोहन लगातार जीतते आ रहे हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मुकाबला कड़ा होने जा रहा है, क्योंकि बीजेपी के सामने इस बार कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन है. इसके अलावा एक और बड़ा चेहरा इस चुनाव के दौरान मैदान में है. ये हैं अभिनेता प्रकाश राज. वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. ऐसे में पीसी मोहन के सामने हैट्रिक लगाना चुनौती भरा होगा.
कैसा है वोटर्स का गणित
इस सीट पर अल्पसंख्यक वोटर्स निर्णायक स्थिति में हैं. इस सीट पर 5.5 लाख तमिल वोटर्स हैं. 4.5 लाख मुस्लिम वोटर्स हैं. करीब 2 लाख क्रिश्चियन वोटर्स हैं. इसके अलावा जैन और मारवाड़ी वोटर्स भी बड़ी संख्या में हैं.
कौन हैं पीसी मोहन
24 जुलाई 1963 को जन्मे पी चिक्कामुनि मोहन बीजेपी के उन कद्दावर नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पार्टी की जड़ें कर्नाटक में जमाने में मदद की. वह राज्य में बड़ा ओबीसी चेहरा हैं. सांसद बनने से पहले पीसी मोहन 1999 से 2008 तक चिकपेट विधानसभा से विधायक रहे. वह पार्टी के कोषाध्यक्ष के अलावा राज्य ओबीसी विंग के अध्यक्ष रह चुके हैं. पीसी मोहन को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता है. उन्होंने बेंगलुरु के इन्फ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए. बेंगलुरु मेट्रो के विस्तार में पीसी मोहन का बड़ा हाथ है.
इस सीट पर बीजेपी ने पीसी मोहन को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के रिजवान अरशद से है. इसी सीट से अभिनेता प्रकाश राज निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं. बड़ी बात ये है कि पीसी मोहन 2009 और 2014 में जीत हासिल कर चुके हैं. इस बार उनके लिए लड़ाई कड़ी है, क्योंकि उनके सामने कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन है.
कर्नाटक में 28 सीटों के लिए दूसरे और तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. दूसरे चरण में 14 सीटों पर 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. जबकि बाकी की सीटों पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोटिंग होगी. बेंगलुरु सेंट्रल में 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. परिणाम 23 मई को आएगा. पिछले चुनाव में पीसी मोहन ने 1.37 लाख वोटों से जीत हासिल की थी. तब भी उनके सामने रिजवान अरशद ही थे. वह दूसरे नंबर पर रहे थे. बीजेपी को 55.63 वोट मिले थे.
अगर 2014 जैसे वोट मिले तो पीसी मोहन को मिलेगी राहत
इस सीट पर लड़ाई कठिन है, हालांकि कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन के कारण हालात बीजेपी के लिए मुश्किल हैं. 2014 की बात करें तो पीसी मोहन को अकेले 5,57,130 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे रिजवान अरशद को 419630 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर रहे आप के बालाकृष्णन को 39869 वोट मिले थे. वहीं जेडीएस की नंदिनी आला को सिर्फ 20 हजार वोट मिले थे. अगर बाकी के उम्मीदवारों के वोट भी कांग्रेस उम्मीदवार के हिस्से में मिला दिए जाएं तो पीसी मोहन आगे रहते हैं.