सत्र अदालत ने 2015 के विसनगर दंगा मामले में हार्दिक पटेल को दो वर्ष कैद की सजा सुनाई थी.
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अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने मंगलवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की हाईकोर्ट में दायर उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उन्होंने विसनगर दंगा मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की है. सरकार ने तस्वीरों के रूप में मौजूद साक्ष्यों और दस्तावेज पेश किए, जिससे यह सिद्ध होता है कि घटना के दौरान वह वहां मौजूद थे. पटेल 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके तुरन्त बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में विसनगर सत्र न्यायालय द्वारा अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी और अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा जाहिर किया था.
सत्र अदालत ने 2015 के मामले में उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाई थी. मामला 25 वर्षीय नेता के नेतृत्व में किए पाटीदार कोटा आंदोलन से जुड़ा है. नियमों के तहत यदि हाईकोर्ट द्वारा उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई जाती है तो उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने से रोक दिया जाएगा. न्यायाधीश एजी उराईजी की अदालत में विसनगर, पुलिस उपाधीक्षक मुकेश व्यास ने एक अन्य हलफनामे के साथ अतिरिक्त सामग्री वाले कुछ दस्तावेज जमा कराए. इसमें वे तस्वीरें भी शामिल हैं जिसमें हार्दिक पटेल घटना के समय मौके पर नजर आ रहे हैं.