लोकसभा चुनावों के लिए जदयू अगले महीने करेगा अपने उम्मीदवारों की घोषणा
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लोकसभा चुनावों के लिए जदयू अगले महीने करेगा अपने उम्मीदवारों की घोषणा

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ फार्मूला. जदयू ने खुद के लिए तय किये फार्मूले पर लगायी मुहर. साथ ही राम मंदिर, तीन तलाक और असम के मुद्दे पर बनायी भाजपा से दूरी.

लोकसभा चुनावों के लिए जदयू अगले महीने करेगा अपने उम्मीदवारों की घोषणा

शैलेंद्र/पटना. बिहार में सीट शेयरिंग में नंबर मारने वाला एनडीए प्रत्याशियों के चयन में किसी तरह की हड़बड़ी के मूड में नहीं दिख रहा है. इसके संकेत जदयू ने दे दिये हैं. उसका कहना है कि हमारे प्रत्याशियों का चयन फरवरी के अंत में होगा, जब पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी फिर से बैठेगी. उसी बैठक में प्रत्याशियों के चयन पर मुहर लगेगी. आम चुनावों की सरगर्मी के बीच जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई, तो कई मुद्दों पर पार्टी ने अपना पुराना स्टैंड फिर से दोहरा दिया.

राम मंदिर के मुद्दे पर पार्टी ने फिर कहा कि कानून का रास्ता सही है या फिर दोनों पक्षों में सहमति बने. मंदिर पर अध्यादेश का पार्टी समर्थन नहीं करेगी. असम के नागरिकता के सवाल पर भी जदयू ने भाजपा से दूरी बनाई है. कहा कि वो असम गण परिषद के साथ है. समर्थन व्यक्त करने के लिए जदयू का दल असम की यात्रा पर जायेगा. बैठक के बाद जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि प्रशांत किशोर और मुझे असम जाने के लिए अधिकृत किया गया है.

जदयू की बैठक में 2019 में किन-किन प्रांतों पार्टी चुनाव लड़ेगी. इस पर भी चर्चा हुई और नेताओं को टास्क दिया गया. साथ ही बिहार में प्रत्याशी चयन के लिए भी कमेटी का गठन कर दिया गया, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को शामिल किया गया है. तीन सदस्यीय कमेटी प्रत्याशियों का चयन करेगी. कमेटी में दो और सदस्य मंत्री ललन सिंह और बिजेंद्र प्रसाद यादव के रूप में होंगे.

जदयू की ओर से लक्ष्यद्वीप में चुनाव लड़ने का फैसला भी किया गया है. साथ ही असम गण परिषद की ओर से होनेवाली रैली में भी पार्टी के नेता भाग लेंगे. बैठक के बारे में महासचिव संजय झा ने कहा कि महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें 2019 के चुनावों पर विस्तार से बात हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोलकाता में ममता बनर्जी के नेतृत्व में जो रैली हुई है, उससे एनडीए को किसी तरह का खतरा नहीं है, क्योंकि रैली पूरी तरह से फ्लाप रही है.

जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कोलकाता की रैली को प्रधानमंत्री की दावेदारी पेश करनेवाला बताया. उन्होंने कहा कि इस रैली से प्रधानमंत्री पद की दावेदारों में ममता बनर्जी भी शामिल हो गई हैं. अभी तक मायावती प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारों में शामिल थीं. उन्होंने कहा कि रैली से एनडीए को किसी तरह का थ्रेट नहीं है.

जदयू की बैठक पर भाजपा नेता अरुण सिन्हा ने संतोष जताया और कहा कि जिस तरह से रणनीति तय हो रही है और सड़क पर जनता के बीच में जिस तरह की छवि एनडीए की है, उससे साफ लग रहा है कि 2014 के आंकड़े को एनडीए बिहार में पार कर देगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास न तो कोई चेहरा है और न ही किसी तरह का विजन है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के चुनाव में टक्कर दे सके.

केंद्र और बिहार सरकार ने जिस तरह के काम पिछले सालों में किये हैं. बिहार का जिस तरह से विकास हो रहा है, उससे डबल इंजन सरकार का असर साफ दिख रहा है. विपक्ष जदयू की बैठक पर निशाना साध रहा है. राजद के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि चाहे, जो बैठक जदयू के नेता कर लें. जनता ने उनका पत्ता काटने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है. अब किसी तरह की दाल एनडीए की गलने वाली नहीं है, जबकि कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि जदयू की बैठक का कोई मतलब नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद कह चुके हैं कि प्रशांत किशोर को उन्होंने अमित शाह के कहने पर शामिल किया है. ऐसे में अमित शाह ने जदयू की बैठक के लिए एजेंडा भेजा होगा, जिस पर जदयू के नेताओं ने मुहर लगा दी होगी. ये बैठक इससे ज्यादा कुछ नहीं है.

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