जेडीयू ने लालू प्रसाद को पत्र लिखकर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में चल रहे लोकतंत्र के उत्सव में जब आप शामिल होने के ही योग्य नहीं हैं.
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पटना: जेल में सजा काट रहे आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा बुधवार को बिहार के लोगों को लिखे पत्र पर गुरुवार को जेडीयू ने जवाब दिया है. जेडीयू ने लालू प्रसाद को पत्र लिखकर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में चल रहे लोकतंत्र के उत्सव में जब आप शामिल होने के ही योग्य नहीं हैं, तो इस पर लिखने या अफसोस जताने से क्या लाभ?
लालू को लिखे पत्र में जेडीयू ने कहा कि बिहार के लेाग अब उस 'लालटेन युग' और 'जंगल राज' को भूलकर 'नए बिहार' की पटकथा लिख रहे हैं.
44 वर्षों में पहला चुनाव है जिसमें आपके बीच नहीं हूँ। चुनावी उत्सव में आप सबों के दर्शन नहीं होने का अफ़सोस है। आपकी कमी खली रही है इसलिए जेल से ही आप सबों के नाम पत्र लिखा है। आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइयेगा। जय हिंद, जय भारत। pic.twitter.com/QDAR03adSf
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 10, 2019
जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू प्रसाद को एक पत्र लिखकर कहा है, "यहां के लोग बिहार के गौरवशाली अतीत की तरह ही वर्तमान को गौरवशाली बनाने के लिए व्यग्र हैं, जिसकी पटकथा 'सुशासन' की इस सरकार ने लिखी है. वैसे, आपकी व्यग्रता और छटपटाहट उस कालखंड का परिणाम है, जिसके लिए अदालत ने भी उस काल को 'जंगल राज' कहा था."
पत्र में कहा गया है, "आपकी (लालू) व्यग्रता जेल में रहने के कारण बढ़ गई है परंतु आप कोई स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के कारण, अल्पसंख्यकों या सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने के कारण जेल नहीं गए हैं, बल्कि अदालत ने आपको सरकारी राशि में घोटाला करने का दोषी पाया है. ऐसे में आपको सजा तो होनी ही थी."
पत्र में कटाक्ष करते हुए लिखा गया है, "आपने राजनीतिक जीवन में परिवार के लिए अकूत बेनामी संपत्ति अर्जित कर ही ली तथा अपने पुत्रों को भी राजनीति में 'सेट' कर ही दिया तो फिर अब क्या शेष रह गया? आप तो राजनीतिक गुरु बन अपने पुत्रों को भी अपने रास्ते पर चलने के लिए प्रशिक्षित कर चुके हैं."
जेडीयू के नेता नीरज ने लालू पर संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण बचाने के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश करने का आरोप लागते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान में ही अदालत का भी समावेश है.
उन्होंने कहा, "आपकी करनी के कारण देश की सर्वोच्च अदालत आपको जमानत तक देने को तैयार नहीं हैं. आप को उसी संविधान के तहत सजा सुनाई गई है, जिसे बचाने की आप दुहाई दे रहे हैं."
पत्र के अंत में नीरज ने लालू को नसीहत देते हुए कहा कि संविधान पर विश्वास करना सिखिए. उल्लेखनीय है कि बुधवार को लालू ने बिहार के लोगों को पत्र लिखकर कहा था कि इस चुनाव में सब कुछ दांव पर है.
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, "44 वर्षो में पहला चुनाव है, जिसमें मैं आपके बीच नहीं हूं. चुनावी उत्सव में आप सब के दर्शन नहीं होने का अफसोस है."
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ घंटे पूर्व लालू ने पत्र लिखकर लोगों से लोकतंत्र और संविधान बचाने की अपील करते हुए कहा था, "चुनावी उत्सव में आप सब के दर्शन नहीं होने का अफसोस है. आपकी कमी खल रही है इसलिए जेल से ही आप सब के नाम पत्र लिखा है. आशा है आप इसे पढ़िएगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइएगा."