लोकसभा चुनाव 2019: इलाहाबाद से प्रयागराज बनी संगम नगरी के लिए दिलचस्प होगा चुनावी रण
साल 2014 में बीजेपी के श्यामा चरण गुप्ता यहां से सासंद चुने गए. उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता कुंवर रेवती रमण सिंह को चुनावी रण में मात दी.
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नई दिल्ली: पूरे देश में संगम नगरी के नाम से विख्यात प्रयागराज (इलाहाबाद) का जितना धार्मिक महत्व है, उतनी ही उसकी राजनैतिक पहचान भी है. 2019 के कुंभ का भव्य आयोजन भी चुनाव से पहले इस प्राचीन शहर में हो रहा है. लोग इसे पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्मस्थली और लाल बहादुर शास्त्री की कर्मस्थली को लोग संगम नगरी भी कहकर पुकारते हैं. प्रयागराज का संसदीय क्षेत्र 1952 के चुनावों से पहले बने उत्तर प्रदेश राज्य के 80 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है. प्रयागराज लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से दो एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं.
तीन नदियों के संगम पर स्थित है प्रयागराज
प्रयागराज जिले का प्रशासनिक मुख्यालय प्रयागराज शहर में स्थित है. यह गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है, जो इसे हिंदुओं के लिए एक पवित्र शहर बनाती है. यह शहर 98 मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित है और 5,424 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है. हिंदी प्रयागराज की आधिकारिक भाषा है, जिसमें अवधी और खारीबोली निवासियों द्वारा व्यापक रूप से बोली जाती है.
ऐसे मिला शहर को नाम
प्रयागराज शहर का पूर्व नाम अकबर ने साल 1583 में रखा गया था. इलाहाबाद का अर्थ अरबी शब्द इलाह- 'अकबर द्वारा चलाये गए नये धर्म दीन-ए-इलाही के सन्दर्भ से, अल्लाह के लिये' और फारसी से आबाद अर्थ 'बसाया हुआ', यानि 'ईश्वर द्वारा बसाया गया', या 'ईश्वर का शहर' है. 16 अक्टूबर 2018 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका नाम इलाहाबाद से बदल कर प्रयागराज कर दिया. 16 अक्टूबर से पहले लोग इसे इलाहाबाद के नाम से जानते थे.
प्रयागराज का राजनीतिक इतिहास
आजादी के बाद 1952 में लोकसभा का पहला चुनाव हुआ. तब इलाहाबाद-फूलपुर संयुक्त संसदीय क्षेत्र था. पंडित जवाहर लाल नेहरू इलाहाबाद पूर्व सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे. इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री, हेमवंती नंदन बहुगुणा, जनेश्वर मिश्र, अमिताभ बच्चन, वीपी सिंह, डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी, एसपी नेता रेवती रमन सिंह इस सीट से सांसद रह चुके हैं. वर्तनाम में बीजेपी नेता श्याम चरण गुप्ता यहां से सांसद हैं.
ऐसा था 2014 का समीकरण
साल 2014 में बीजेपी के श्यामा चरण गुप्ता यहां से सासंद चुने गए. उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता कुंवर रेवती रमण सिंह को चुनावी रण में मात दी. बीजेपी को 3,13,772 और सपा के 2,51,763 वोट मिले थे. 2004 से 2009 तक यहां से सपा के कुंवर रेवती रमण सिंह सांसद रहे.