अखिलेश यादव ने गणतंत्र दिवस के मौके पर कहा कि प्रियंका का सक्रिय राजनीति में आना अच्छा है.
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लखनऊ: वर्षों से जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ((Priyanka Gandhi Vadra) ने बुधवार को औपचारिक रुप से सक्रिय राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी महासचिव नियुक्त किया एवं उत्तर प्रदेश-पूर्व की जिम्मेदारी सौंपी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी लोकसभा सीट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पूर्व गोरखपुर संसदीय सीटें इसी क्षेत्र में आती हैं. प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने की घोषणा के दो दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है. मीडिया में भले ही खबरें चल रही हैं कि प्रियंका के आने से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच हुए गठबंधन को नुकसान होगा लेकिन अखिलेश ने कांग्रेस के इस फैसले का स्वागत किया है.
अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने गणतंत्र दिवस के मौके पर कहा कि प्रियंका का सक्रिय राजनीति में आना अच्छा है. किसी भी युवा का राजनीति में आना अच्छा है, हमें उनका स्वागत करना चाहिए. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं कांग्रेस और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष को बधाई देना चाहता हूं. उन्होंने एक अच्छा फैसला लिया है. राजनीति में नए लोगों को आना चाहिए. हम समाजवादी उनका स्वागत करते हैं.' हालांकि अखिलेश यादव से जब पूछा गया कि लोकसभा चुनाव 2019 में परिणाम आने के बाद क्या वे कांग्रेस के साथ गठबंधन करेंगे? इस सवाल का जवाब वे टाल गए.
यहां आपको याद दिला दें कि 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान पर्दे के पीछे से प्रियंका गांधी की पहल पर ही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिलकर चुनाव मैदान में उतरी थी. हालांकि इस गठबंधन को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया था. अब लोकसभा चुनाव 2019 में सपा, बसपा और रालोद ने मिलकर गठबंधन तैयार किया है. माना जा रहा है कि इस गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं मिलने के बाद ही कांग्रेस ने प्रियंका ने सक्रिय राजनीति में उतरने का फैसला लिया है.
आम चुनाव से पहले राज्य में पूरी तरह कमर कसके उतरने की कांग्रेस की मंशा के बीच प्रियंका की नियुक्ति से तत्काल राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है. कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने यह कहते हुए इस कदम का स्वागत किया कि वह पार्टी के लिए बहुत बड़ी सफलता होंगी जबकि भाजपा ने सक्रिय राजनीति में उनके उतरने को कांग्रेस की ओर से यह कबूल लेना बताया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी नेतृत्व देने में विफल हुए हैं.
भाई राहुल ने प्रियंका का किया स्वागत
पार्टी के एक बयान के अनुसार प्रियंका गांधी फरवरी के पहले हफ्ते में अपनी नयी जिम्मेदारी संभालेंगी. 47 वर्षीय नेता मुख्य हिंदीभाषी राज्य उत्तर प्रदेश में अपने भाई राहुल की मदद करेंगी जो 1980 के दशक के मध्य तक पार्टी का मजबूत गढ़ रहा था.
राहुल ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मेरी बहन प्रियंका लोकसभा चुनव में उत्तर प्रदेश में मेरी मदद करेंगी, वह बहुत काबिल हैं. गुजरात हो या उत्तर प्रदेश, हम फ्रंट फुट पर खेलेंगे.’ उन्होंने अमेठी में कहा, ‘मैं महसूस करता हूं कि इस फैसले से उत्तर प्रदेश में एक नयी सोच के पनपने में मदद मिलेगी और उत्तर प्रदेश की राजनीति में सकारात्मक बदलाव आएगा.’
सीएम योगी ने प्रियंका को शून्य कहा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा के सक्रिय राजनीति में आने से आगामी लोकसभा चुनावों के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ‘शून्य में शून्य जोड़ने से शून्य ही मिलता है.’ आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस महासचिव नियुक्त किए जाने को पार्टी की ‘‘राजनीतिक वंशवाद’’ की संस्कृति को आगे बढ़ाना बताया.
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘शून्य में शून्य जोड़ने का परिणाम शून्य ही आता है. इससे चुनावी नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उनकी नियुक्ति के साथ कांग्रेस ने राजनीतिक वंशवाद की अपनी संस्कृति को ही बढ़ाया है.’