ये हैं बिहार की 5 हॉट सीट जिसपर टिकी हैं सबकी निगाहें, पार्टी और नेताओं के भविष्य का होगा फैसला
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ये हैं बिहार की 5 हॉट सीट जिसपर टिकी हैं सबकी निगाहें, पार्टी और नेताओं के भविष्य का होगा फैसला

दरभंगा, बेगूसराय, पटना साहिब, पाटलीपुत्र और उजियारपुर ऐसी सीटें हैं जिसके नतीजों से राजनेताओं और पार्टियों के तकदीर का फैसला होगा.

बेगूसराय सीट से गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के बीच कड़ा मुकाबला है. (फाइल)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election Result 2019) के लिए काउंटिंग जारी है. 542 सीटों के लिए कुल 8040 उम्मीदवार मैदान में हैं. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. लेकिन, पांच ऐसी हॉट सीट है जिसपर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इन सीटों के नतीजों से बागियों, वामदलों और RJD की स्थिति का साफ-साफ पता चलेगा. 

पटना साहिब
इस सीट पर कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा और बीजेपी के रवि शंकर प्रसाद के बीच कड़ा मुकाबला है. शत्रुघ्न सिन्हा इस सीट  से बीजेपी की टिकट पर 2009 और 2014 का चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन, इसबार वे बागी होकर कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. ऐसे में उनके लिए अस्तित्व का बड़ा सवाल है. उनके लिए यह चुनाव बेहद अहम है. इस चुनाव से यह तय होगा कि क्या अब तक वे अपनी बदौलत चुनाव जीतते आए हैं या फिर बीजेपी की वजह से उनकी जीत सुनिश्चित होती रही है. दूसरी तरफ रवि शंकर प्रसाद पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. अब तक वे राज्यसभा से सदन पहुंचते रहे हैं. 

दरभंगा
दरभंगा सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प है. बीजेपी के टिकट पर कीर्ति झा आजाद 2009 और 2014 का चुनाव लगातार जीते. वे 1999 में भी बीजेपी के टिकट पर इस सीट से चुनाव जीते थे.  लेकिन, 2004 में RJD के मोहम्मद अशरफ फातमी की जीत हुई थी. लेकिन, इस बार वे बागी होकर कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस ने उन्हें इस बार झारखंड की धनबाद सीट से मैदान में उतारा है. इस चुनाव में RJD ने अब्दुल बारी सिद्धीकी को और बीजेपी ने गोपाल जी ठाकुर को मैदान में उतारा था. अब यह देखना होगा कि क्या बीजेपी यहां जीत की हैट्रिक लगा पाती है कि नहीं. इस सीट की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद पीएम मोदी ने यहां रैली की थी.

बेगूसराय
बेगूसराय सीट वामदलों का गढ़ रहा है. हालांकि, 2014 के चुनाव में पहली बार बीजेपी के भोला सिंह चुनाव जीते थे. उससे पहले 2009 और 2004 में JDU के राजीव रंजन सिंह की जीत हुई थी. बिहार में JDU और BJP मिलकर चुनाव लड़ रही है. इस बार बेगूसराय सीट से वामदल ने कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा, बीजेपी ने अपने फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह को टिकट  दिया तो RJD ने तनवीर हसन को टिकट दिया था. पिछले चनाव में तनवीर हसन दूसरे नंबर पर रहे थे. ऐसे में कन्हैया कुमार पर वामदल की खोई साख लौटाने की जिम्मेदारी है. गिरिराज सिंह को बीजेपी की जीत कायम रखनी है तो तनवीर हसन RJD का खाता खोलने की तैयारी में हैं. मुकाबला त्रिकोणीय है.

उजियारपुर
उजियारपुर सीट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय मैदान में हैं. 2014 में उन्होंने राजद के आलोक कुमार मेहता को हराये थे. इस चुनाव में उनके खिलाफ RLSP के उपेंद्र कुशवाहा भी मैदान में हैं. CPM ने अजय कुमार मैदान में हैं. उपेंद्र कुशवाहा पहले बयान दे चुके हैं कि अगर चुनाव के नतीजे सही नहीं आते हैं तो सड़कों पर खून बहेगा. यहां का मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. बता दें, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा RJD और कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ी है. पिछले चुनाव में कुशवाहा NDA के साथ थे.

पाटलीपुत्र
पाटलीपुत्र सीट से RJD सुप्रीमो मीसा भारती मैदान में हैं. उनके खिलाफ बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव को उतारा है. 2014 के चुनाव में राम कृपाल यादव ने मीसा भारती को 40322 वोटों से हराया था. 2009 के चुनाव में खुद लालू प्रसाद यादव यहां से चुनाव लड़े थे, लेकिन, JDU के रंजन प्रसाद यादव ने उन्हें हरा दिया था. बता दें, राम कृपाल यादव पहले RJD में ही थे. इस चुनाव के नतीजे से RJD और लालू परिवार का भविष्य तय होने वाला है.

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