चुनाव 2019: BJP के 30 साल पुराने किले को भेदने के लिए कांग्रेस ने बनाई ये रणनीति
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चुनाव 2019: BJP के 30 साल पुराने किले को भेदने के लिए कांग्रेस ने बनाई ये रणनीति

लोकसभा की निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन 1989 से इंदौर की सतत नुमाइंदगी कर रही है.

भाजपा ने इंदौर सीट से अपना प्रत्याशी अब तक घोषित नहीं किया है.

इंदौर: तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र से अपने वरिष्ठ नेता पंकज संघवी को मंगलवार रात प्रत्याशी घोषित कर दिया जहां उनके सामने भाजपा का 30 साल पुराना गढ़ भेदने की मुश्किल चुनौती है. इसके साथ ही, सूबे के सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं. 

1998 में महाजन से हारे थे चुनाव
कांग्रेस की ओर से इंदौर सीट के चुनावी टिकट की दावेदारी के मामले में संघवी के अलावा सूबे की कमलनाथ सरकार के खेल और युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी, प्रदेश कांग्रेस समिति की उपाध्यक्ष अर्चना जायसवाल और इस समिति के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा के नामों को लेकर भी कयासों का दौर जारी था. लेकिन आखिरकार संघवी ने बाजी मार ली. हालांकि, संघवी वर्ष 1998 में इंदौर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन से 49,852 मतों से चुनाव हार चुके हैं.

महाजन को माना जा रहा था दावेदार
फिलहाल महाजन लोकसभा की निवर्तमान अध्यक्ष हैं. भाजपा की ओर से इस बार भी महाजन को मध्य प्रदेश की इस सीट से भाजपा के टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था. इस बीच, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक पत्रिका को दिये साक्षात्कार में कहा था कि यह उनकी पार्टी का फैसला है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को लोकसभा चुनावों का टिकट नहीं दिया जायेगा. शाह ने इस साक्षात्कार में हालांकि महाजन का नाम नहीं लिया था.

बीजेपी ने घोषित नहीं किया है प्रत्याशी
वहीं, 12 अप्रैल को उम्र के 76वें वर्ष में प्रवेश करने से हफ्ता भर पहले ही महाजन ने मौके की नजाकत भांपते हुए पांच अप्रैल को खुद घोषणा कर दी थी कि वह आसन्न लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. वह 1989 से लोकसभा में इंदौर की सतत नुमाइंदगी कर रही है. भाजपा ने इंदौर सीट से अपना प्रत्याशी अब तक घोषित नहीं किया है.

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