असम के इस लोकसभा सीट से देश के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद रह चुके हैं सांसद
Advertisement

असम के इस लोकसभा सीट से देश के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद रह चुके हैं सांसद

देश के पांचवे राष्ट्रपति रहे फखरुद्दीन अली अहमद 1967 और 1971 में असम के बारपेटा सीट से सांसद रह चुके हैं.

फखरुद्दीन अली अहमद देश के पांचवे राष्ट्रपति थे. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश में 2019 का लोकसभा चुनाव मई में होने की संभावना है. इस बीच कई राज्यों में राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है. 2014 में देश के उत्तर-पूर्व में स्थित असम में मोदी लहर में 14 में से 7 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी की डगर इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान काफी मुश्किल दिख रही है.

बारपेटा लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास 

बारपेटा लोकसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. अब तक हुए चुनाव में 10 बार कांग्रेस उम्मीदवार यहां से जीत चुके हैं. वही, देश के राष्ट्रपति रहे फखरुद्दीन अली अहमद भी 1967 और 1971 में इस सीट से सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा इस लोकसभा सीट पर सीपीआई(एम) का भी प्रभाव रहा है. 1991 और 1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान सीपीआई(एम) के उद्धव बर्मन ने यहां से चुनाव में जीत हासिल की थी. 

असम के बारपेटा लोकसभा सीट (Barpeta Parliamentary Constituency) से 2014 के चुनाव के दौरान आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के उम्मीदवार सिराजूद्दीन अजमल ने बीजेपी उम्मीदवार चंद्र मोहन पटवारी को 69,341 मतों से चुनाव में मात दी थी. आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विजेता उम्मीदवार को इस चुनाव में 3,94,702 मत मिला था. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में 3,52,361 मत पड़ा था. इस चुनाव के दौरान तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार इस्माइल हूसैन ने 2,77,802 मत पाकर चुनावी संघर्ष को त्रिकोणीय बना दिया था. 

जबकि 2009 के चुनाव के दौरान कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे इस्माइल हूसैन ने असम गण परिषद(AGP)  के उम्मीदवार भूपेन रॉय को 30,429 मतों से मात दी थी. इस चुनाव में कांग्रेस के विजेता उम्मीदवार को 3,22,137 मत मिला था. जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी असम गण परिषण के उम्मीदवार के पक्ष में 2,91,708 मत मिला. वहीं, तीसरे पायदान पर रहे एयूडीएफ उम्मीदवार अब्दूस समाद अहमद(Abdus Samas Ahmad) को 2,16,083 मत मिला था. 

देश के उत्तर-पूर्व (North-east) में स्थित राज्य असम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है. यहां से लोकसभा चुनाव 2014 (loksabha election 2014) के दौरान राज्य की 14 संसदीय सीटों में से बीजेपी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा कांग्रेस (Congress) के खाते में 3 जबकि आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(Aiudf) ने 4 सीटें जीती थी.  

वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान यहां से कांग्रेस ने 7, बीजेपी ने 4 जबकि अन्य ने 9 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसमें, 1 सीट असम गण परिषद (AGP) और 1 सीट बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (BPF) ने जीता था. 

आपको बता दें कि, 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर के प्रभाव के कारण असम के लोगों ने बीजेपी नीत गठबंधन को 7 सीटें दी थी. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी-आसु (AASU) के बीच चल रहा विवाद, बीजेपी के नेताओं से उनकी नाराजगी का राज्य के चुनाव परिणाम पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है. 

इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नेशनल वोर्टस रजिस्टर, नागरिकता के कानून में बदलाव (amedment in citizenship bill) के अलावा असम अकार्ड (Assam Accord) को लागू करना एक बड़ा मुद्दा हो सकता है. 

Trending news