क्या कांग्रेस तोड़ पाएगी भावनगर का किला? करीब तीन दशक से है बीजेपी का कब्जा
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क्या कांग्रेस तोड़ पाएगी भावनगर का किला? करीब तीन दशक से है बीजेपी का कब्जा

भावनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी का तीन दशक से विजय रथ जारी है. 

बीजेपी भावनगर सीट पर 1991 से अब तक चुनाव जीतते आई है. (प्रतीकात्मक फोटो)

भावनगरः गुजरात राज्य के पश्चिमी छोड़ पर भावनगर जिला स्थित हैं. यह सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है. तटीय इलाके में बसे होने की वजह से भावनगर वाणिज्यिक एवं उद्योग पर आधारित है. पहले भावनगर अनेकों तालाबों और मंदिरों का घर कहा जाता था.

भावनगर लोकसभा सीट राजनीतिक दृष्टि से भी काफी प्रसिद्ध जगह है. भावनगर बीजेपी का गढ़ रहा है. यहां बीजेपी लगातार 7 बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. लगभग तीन दशक से यह सीट बीजेपी के कब्जे में हैं. बीजेपी के किले को तोड़ने के लिए कांग्रेस को यहां कड़ी चुनौती का सामना करना होगा.

1952 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. जिसमें कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. 1989 तक कांग्रेस ने यहां जीत हासिल की है. वहीं, 1991 में बीजेपी ने यहां पहली बार जीत हासिल की थी. बीजेपी के टिकट से महावीर सिंह गोहिल ने बीजेपी को पहली बार जीत दिलाई थी. वहीं, 1996 में राजेंद्र सिंह राणा को बीजेपी से उम्मीदवार बनाया गया था.

1996 में बीजेपी को राजेंद्र सिंह ने जीत दिलाई. उसके बाद 1998, 1999. 2004, और 2009 के लोकसभा चुनाव में लगातार राजेंद्र सिंह ही जीतते आ रहे थे. वहीं, 2014 में भावनगर सीट से भारतीबेन को टिकट दिया गया. जिसमें उन्होंने भारी मतों से कांग्रेस के प्रवीणभाई को हराया था. और बीजेपी के विजय रथ को बरकरार रखा.

भारतीबेन भावनगर लोकसभा की पहली महिला सांसद है. कांग्रेस तीन दशक से भावनगर सीट पर जीत हासिल करने को तरस गया है. हालांकि विधानसभा चुनाव में भावनगर के सात में से एक विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. 

अब देखना यह है कि कांग्रेस क्या लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गढ़ में सेंध लगा पाएगी, या फिर बीजेपी अपने विजय रथ को बरकरार रखने में कामयाब होगी.

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