पाटन लोकसभा सीटः 2009 में कांग्रेस तो 2014 में बीजेपी ने दर्ज की थी जीत, अब किसकी बारी
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पाटन लोकसभा सीटः 2009 में कांग्रेस तो 2014 में बीजेपी ने दर्ज की थी जीत, अब किसकी बारी

पाटन लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था. इस सीट पर शुरू से कांग्रेस का राज रहा था लेकिन 1991 बीजेपी पहली बार पाटन लोकसभा सीट पर फतेह हासिल की थी.

पाटन सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगी कड़ी टक्कर. (प्रतीकात्मक फोटो)

पाटनः गुजरात राज्य में स्थित पाटन जिला एक प्राचीन नगर है. मध्यकाल में पाटन गुजरात की राजधानी हुआ करती थी. इसका प्राचीन नाम अन्हिलपुर है. ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में मुसलमानों ने इसे खंडहर बना दिया था. लेकिन बाद में इसे पुनः स्थापित किया गया. मराठों ने इसे फिर से बनाया था.

पाटन लोकसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. लेकिन इस सीट पर बीजेपी के अंदर ही विवाद छिड़ा है. पाटन लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था. इस सीट पर शुरू से कांग्रेस का राज रहा था लेकिन 1991 बीजेपी पहली बार पाटन लोकसभा सीट पर फतेह हासिल की थी.

1991 के बाद से बीजेपी यहां 1996 और 1998 में लगातार जीत हासिल की थी. वहीं, 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर फिर से वापसी की थी. लेकिन इसके बाद से पाटन में बीजेपी और कांग्रेस के बीच लगातार टक्कर चलती रही. क्योंकि 2004 में फिर से बीजेपी ने जीत हासिल की तो 2009 में यह सीट फिर से कांग्रेस के पाले में चली गई. 2014 में यह फिर से बीजपी ने जीत हासिल की.

साल 2014 में बीजेपी की टिकट से लीलाधर वाघेला ने बाजी मारी. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी में टिकट को लेकर खींचतान हो सकती है. क्योंकि, बीजेपी नेता और बनासकांठा के सांसद हरिभाई चौधरी ने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

वहीं, इस सीट पर बीजेपी को जिग्नेश मेवाणी की ओर से टक्कर मिल सकती है. हालांकि वह वाडगाम सीट से विधायक हैं. वह परोक्ष रूप से कांग्रेस के साथ भी हैं.

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