असम: तेजपुर सीट पर 10 बार जीतने के बाद भी आसान नहीं कांग्रेस के लिए जीत की राह
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असम: तेजपुर सीट पर 10 बार जीतने के बाद भी आसान नहीं कांग्रेस के लिए जीत की राह

1957 से लेकर 2014 तक हुए 13 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने इस सीट से 10 बार जीत दर्ज की है.

पिछले दो चुनावों के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार यहां दूसरे स्थान पर रहे हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश में 2019 का लोकसभा चुनाव मई में होने की संभावना है. इस बीच कई राज्यों में राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है. 2014 में देश के उत्तर-पूर्व में स्थित असम में मोदी लहर में 14 में से 7 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी की डगर इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान काफी मुश्किल दिख रही है.

तेजपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास 

इस लोकसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. 1957 से अब तक (2014) हुए 13 लोकसभा चुनावों के दौरान 10 बार कांग्रेस के उम्मीदवारों ने यहां से जीत हासिल की है. 1957, 1962, 1967, 1971 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के उम्मीदवारों ने चुनाव जीता था. 1977 के लोकसभा चुनाव के दौरान यह सीट जनता पार्टी के खाते में चली गई थी. लेकिन 1984 से लेकर 2004 तक कांग्रेस उम्मीदवारों ने यहां से लगातार जीत हासिल की थी. लेकिन 2009 के चुनाव में असम गण परिषद और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवार कांग्रेस उम्मीदवार को हराने में कामयाब रहे थें.

असम के तेजपुर लोकसभा सीट (Tezpur Parliamentary Constituency) से 2014 के चुनाव के दौरान बीजेपी के उम्मीदवार राम प्रसाद शर्माह ने कांग्रेस उम्मीदवार भूपेन कुमार बोराह को 86,020 मतों से चुनाव में मात दी थी. बीजेपी के विजेता उम्मीदवार को इस चुनाव में 4,46,511 मत मिला था. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार को  3,60,491 मत मिला था.

जबकि 2009 के चुनाव के दौरान असम गण परिषद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे जोसेफ टोप्टो ने कांग्रेस के उम्मीदवार मोनी कुमार सुब्बा को 30,014 मतों से मात दी थी. इस चुनाव में असम गण परिषद के विजेता उम्मीदवार को 3,51,892 मत मिला था. जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में 3,21,878 मत मिला था. 

देश के उत्तर-पूर्व (North-east) में स्थित राज्य असम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है. यहां से लोकसभा चुनाव 2014 (loksabha election 2014) के दौरान राज्य की 14 संसदीय सीटों में से बीजेपी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा कांग्रेस (Congress) के खाते में 3 जबकि आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(Aiudf) ने 4 सीटें जीती थी.  

वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान यहां से कांग्रेस ने 7, बीजेपी ने 4 जबकि अन्य ने 9 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसमें, 1 सीट असम गण परिषद (AGP) और 1 सीट बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (BDF) ने जीता था. 

आपको बता दें कि, 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर के प्रभाव के कारण असम के लोगों ने बीजेपी नीत गठबंधन को 7 सीटें दी थी. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी-आसु (Aasu) के बीच चल रहा विवाद, बीजेपी के नेताओं से उनकी नाराजगी का राज्य के चुनाव परिणाम पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है. 

इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नेशनल वोर्टस रजिस्टर, नागरिकता के कानून में बदलाव (amedment in citizenship bill) के अलावा असम अकार्ड (Assam Accord) को लागू करना एक बड़ा मुद्दा हो सकता है.

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