परिसीमन आयोग द्वारा 2002 में दिए गए रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2008 में इस लोकसभा सीट का स्वरूप तय हुआ.
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वाल्मीकि नगर : निर्वाचन आयोग की सूची पर गौर करें तो वाल्मीकि नगर बिहार का पहला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. उत्तर में स्थित इस संसदीय क्षेत्र इलाके में बिहार का एकमात्र नेशनल पार्क आता है. यहां त्रिवेणी स्नान के लिए मेला भी लगता है. इस सीट पर फिलहाल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कब्जा है. सतीश चन्द्र दुबे यहां के सांसद हैं. उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णमासी राम को शिकस्त दी थी.
परिसीमन आयोग द्वारा 2002 में दिए गए रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2008 में इस लोकसभा सीट का स्वरूप तय हुआ. यहां पहली बार 2009 में वोट डाले गए थे. यह एक ऐसा चुनाव था, जहां बिहार में नीतीश कुमार की लहर थी. इस सीट से प्रदेश की सत्ता पर काबिज जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बैद्यनाथ प्रसाद महतो चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
2009 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू को मिली थी जीत
2009 लोकसभा चुनाव में जेडीयू के बैद्यनाथ प्रसाद महतो के खाते में कुल 46.40 प्रतिशत वोट पड़े थे. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी फखरुद्दीन को एक लाख 83 हजार से अधिक मतों से परास्त किया था. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कद्दावर नेता रघुनाथ झा के खाते में महज 45699 वोट गए थे.
2014 में इस सीट पर भी दिखा मोदी लहर
वहीं, अगर हम 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो पूरे देश की तरह इस सीट पर भी मोदी लहर का असर देखने को मिला. बीजेपी उम्मदीवार सतीश चन्द्र दुबे 40.44 प्रतिशत वोट के साथ तीन लाख 64 हजा से अधिक मत पाने में सफल रहे. उन्होंने कांग्रेस के पूर्णमासी राम को लगभग एक लाख 17 हजार वोटों से परास्त किए थे. वहीं, जेडीयू उम्मीदवार बैद्यनाथ प्रसाद महतो के खाते में लगभग 81 हजार वोट गिरे.
2014 के के आंकड़ों पर गौर करें तो इस सीट पर कुल 14 लाख 56 हजार 598 मतदाता थे, जिनमें से कुल आठ लाख 99 हजार 838 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. इस सीट से कुल 14 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे थे. यहां 15515 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था.
बीते लोकसभा चुनाव में बिहार के 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी के खाते में 22 सीटें गई थी वहीं, लोजपा छह, आरजेडी चार, रालोसपा तीन, कांग्रेस और जेडीयू दो-दो और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के खाते में एक सीट गई थी.