प्रदेश की दौसा लोकसभा सीट पर अभी तक बीजेपी अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है. बीजेपी यहां दो स्थानीय क्षत्रपों की लड़ाई के बीच फंसी हुई है.
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जयपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर बीजेपी ने राजस्थान की 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर लिए हैं लेकिन दौसा सीट को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है. दरअसल, यहां राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के बीच प्रभुत्व की लड़ाई के चलते प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं हो पाया. अब दोनों की लड़ाई के बीच जसकौर मीणा या रामकिशोर मीणा को टिकट की संभावनाएं बनती दिख रही हैं.
दरअसल, प्रदेश की दौसा लोकसभा सीट पर अभी तक बीजेपी अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है. बीजेपी यहां दो स्थानीय क्षत्रपों की लड़ाई के बीच फंसी हुई है. किरोड़ी लाल मीणा अपने परिवार के लिए टिकट मांग रहे हैं. किरोड़ी की पत्नी गोलमा देवी ने पिछले दिनों बीजेपी कार्यालय आकर दौसा के टिकट पर दावा जताया था. उनका कहना है कि जगमोहन मीणा या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को अगर दौसा का टिकट मिलता है तो यहां बीजेपी की जीत तय है. गोलमा ने ओम प्रकाश हुडला पर निशाना साधते हुए यह भी कहा की पार्टी बागी या दागी को अपना प्रत्याशी ना बनाए तो बेहतर होगा.
इधर दौसा को लेकर हो रहे गतिरोध पर पार्टी ज्यादा कुछ तो नहीं कहती लेकिन प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी इतना जरूर कहते हैं कि जल्द ही दौसा का टिकट भी तय हो जाएगा. दौसा की सीट पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में भी एक राय नहीं बन पा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे इस टिकट के लिए ओमप्रकाश हुडला के नाम की पैरवी कर रही हैं. इस बीच ओमप्रकाश हुडला और किरोड़ी लाल मीणा दोनों ही मंगलवार को प्रकाश जावड़ेकर से मिले. बीजेपी के लोकसभा चुनाव प्रभारी से दोनों पक्षों ने अपने-अपने नजरिए से दौसा के समीकरण बताते हुए अपनी जीत का दावा किया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जसकौर मीणा ने भी दौसा संसदीय क्षेत्र पर अपनी दावेदारी जताई है. वहीं, पार्टी के ही कुछ लोग जसकौर मीणा को बाहरी बता रहे हैं, लेकिन इस सवाल पर जसकौर कहती हैं कि वह लालसोट की बेटी है और दौसा जिले में ही उनकी खेती-बाड़ी भी है इस नाते वह भी स्थानीय प्रत्याशी के रूप में ही होगी. जसकौर ने कहा कि उन्हें बाहरी बताने वाले खुद तो देख लें कि वे कहां-कहां जाकर लड़ते हैं. बीजेपी भले ही दौसा में जल्द प्रत्याशी का नाम तय कर लेने के दावे कर रही हो, लेकिन पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मानते हैं कि यहां प्रत्याशी का ऐलान होने में जितनी देरी होगी उतना ही ज़्यादा पार्टी को नुकसान होगा.