सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन की 7 अप्रैल को सहारनपुर में हुई संयुक्त रैली में बसपा प्रमुख मायावती ने धर्म के आधार पर वोट करने की अपील की थी.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण का मतदान शुरू होने से पहले राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. वहीं, पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार थमने से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मेरठ की एक रैली में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन पर निशाना साधा. सीएम योगी ने कहा कि अगर कांग्रेस, सपा, बसपा को 'अली' पर विश्वास है तो, हमें भी 'बजरंगबली' पर विश्वास है. योगी आदित्यानाथ का यह बयान बसपा सुप्रीमो मायावती के मुस्लिम मतदाताओं से की गई अपील के बाद आया है. मायावती ने अपील की थी कि मुस्लिम मतदाता चुनाव में एकतरफा वोट करें.
#WATCH UP Chief Minister Yogi Adityanath at a public rally in Meerut, says, "Agar Congress, SP, BSP ko 'Ali' par vishwaas hai toh humein bhi 'Bajrangbali' par vishwaas hai." pic.twitter.com/ZwI3L5ZEFt
— ANI UP (@ANINewsUP) April 9, 2019
पश्चिमी यूपी की जनता कर देगी गठबंधन का सफाया- योगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन देश में 'हरा वायरस' फैलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से इस वायरस का पहले ही सफाया कर दिया गया है और अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता यहां इसका सफाया करेगी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनता कांग्रेस, सपा, बसपा को ध्वस्त कर देगी. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को मतदान होना है. पहले चरण में उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर की लोकसभा सीटों पर मतदान होना है.
मुस्लिम मतदाता करें एकतरफा वोटिंग- मायावती
बता दें कि सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन की 7 अप्रैल को सहारनपुर में हुई संयुक्त रैली में बसपा प्रमुख मायावती ने धर्म के आधार पर वोट करने की अपील की थी. उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं से अपील करते हुए कहा था कि यूपी में कांग्रेस नहीं सिर्फ महागठबंधन ही भाजपा से लड़ सकता है. कांग्रेस ने महागठबंधन को हराने के लिये ही अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं. अगर भाजपा को हराना है तो मुस्लिम बिरादरी के सभी लोग अपना वोट बांटने के बजाय महागठबंधन को एकतरफा वोट दें.
मायावती के बयान पर चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट
मायावती के इस भाषण पर विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी ने इस पर ऐतराज जताया था. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने इस रैली से संबंधित रिपोर्ट मांगी है. धर्म के आधार पर वोट मांगना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है. स्थानीय प्रशासन से मायावती की स्पीच पर रिपोर्ट मांगी है.