VIDEO- नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि गोडसे के बारे में बोलने वाले लोग स्वयं की गिरेबान में झांक कर देखें. ऐसा बोलने वालों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा.
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आगर मालवा: नाथूराम गोडसे पर कमल हासन के विवादित बयान के बाद चली रही बहस के बीच भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि नाथूराम गोडसे देश भक्त थे, हैं और रहेंगे. उनको ऐसा बोलने वाले लोग स्वयं की गिरेबान में झांक कर देखें. ऐसा बोलने वालों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि आजाद भारत का पहला ‘‘आतंकवादी हिन्दू’’ था. वह महात्मा गांधी की हत्या करने वाले, नाथूराम गोडसे के संदर्भ में बात कर रहे थे. रविवार की रात एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हासन ने कहा कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं.
#WATCH BJP Bhopal Lok Sabha Candidate Pragya Singh Thakur says 'Nathuram Godse was a 'deshbhakt', is a 'deshbhakt' and will remain a 'deshbhakt'. People calling him a terrorist should instead look within, such people will be given a befitting reply in these elections pic.twitter.com/4swldCCaHK
— ANI (@ANI) May 16, 2019
आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है: कमल हासन
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुसलमान बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं. आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है. वहीं से इसकी (आतंकवाद) शुरुआत हुई.’’ महात्मा गांधी की 1948 में हुई हत्या का हवाला देते हुए हासन ने कहा कि वह उस हत्या का जवाब खोजने आये हैं.
कमल हासन इससे पहले भी दक्षिणपंथी चरमपंथ पर निशाना साध चुके हैं. करीब डेढ़ साल पहले इस संबंध में उन्होंने एक विवादित लेख भी इस विषय पर लिखा था. उसमें उन्होंने लिखा था कि दक्षिणपंथी समूहों ने हिंसा का दामन इसलिये थामा क्योंकि उनकी पुरानी ''रणनीति'' ने काम करना बंद कर दिया है. हसन ने तमिल पत्रिका 'आनंद विकटन' के अंक में अपने स्तंभ में आरोप लगाया था कि दक्षिणपंथी संगठनों ने अपने रुख में बदलाव किया है, हालांकि उन्होंने इसमें किसी का नाम नहीं लिया है.
उन्होंने कहा, ''पूर्व में हिंदू दक्षिणपंथी, दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ हिंसा में शामिल हुए बगैर, उनको अपनी दलीलों और जवाबी दलीलों से हिंसा के लिये मजबूर करते थे.'' हासन ने लिखा कि हालांकि ''यह पुरानी साजिश'' विफल होनी शुरू हो गई यी, तब ये समूह हिंसा में शामिल हो गये. तमिल फिल्म अभिनेता ने लिखा था, ''चरमपंथ किसी भी तरीके से उनके लिये सफलता या विकास (का मानक) नहीं हो सकता जो खुद को हिंदू कहते हैं.''