बिहार: नक्सल प्रभावित इस गांव में प्रचार करने तक नहीं आते कोई नेता, MP को नहीं पहचानते लोग
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बिहार: नक्सल प्रभावित इस गांव में प्रचार करने तक नहीं आते कोई नेता, MP को नहीं पहचानते लोग

शहरी क्षेत्र से कई किलोमीटर दूर होने के कारण इस गांव के लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं.

यहां कोई भी नेता यहां चुनाव प्रचार करने तक नहीं आते हैं.(फाइल फोटो)

मुंगेर: बिहार के मुंगेर में विकास की राह से कोसों दूर नक्सल प्रभावित हवेली खड़गपुर अनुमंडल के सोनरवा व भीमबांध गांव में नक्सलियों का आतंक इस कदर है कि कोई भी नेता यहां चुनाव प्रचार करने तक नहीं आते. 

शहरी क्षेत्र से कई किलोमीटर दूर होने के कारण इस गांव के लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं. हालात यहां है कि इस गांव के ग्रामीण वर्तमान सांसद तक को नहीं पहचानते हैं. 

मुंगेर जिला से करीब 60 किलोमीटर दूर पहाड़ पर बसा भीमबांध बेहद खूबसूरत गांव है. वहीं, इस गांव में लोग आज भी बिजली, पानी, अस्तपताल शिक्षा और सड़क जैसी मुलभुत समस्याओं से गांव झूझ रहे हैं. वहीं गंगटा पंचायत में पड़ने वाले भीमबांध एवं सोनरवा गांव में लगभग सात सौ मतदाता हैं. 

 

इस क्षेत्रों के ग्रामीण भीमबांध कुंड से निकलने वाले गर्म पानी को ठंढा करके पीने को मजबूर हैं. आपको बता दें कि खरगपुर-जमुई मुख्य मार्ग से लगभग ग्यारह किलोमीटर दूर अंदर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बसे होने के कारण यहां के लोग हर तरह की सरकारी योजनाओं के साथ बेरोजगारी की समस्या से भी जूझ रहे हैं. 

इस गांव में एक बार पीएचईडी विभाग के द्वारा बीस हैंडपंप लगवाया गया था लेकिन सिर्फ पांच चापाकल ही किसी तरह चल रहे हैं. मुख्य सड़क से 11 किलोमीटर कच्ची सड़कों के सहारे भीम बांध के लोग पैदल या अपनी निजी सवारी से आते जाते है. 

ग्रामीण भरत ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सांसद क्या होता है हमलोगों को पता नहीं है. सरकार हमलोगों से भले ही फायदा ले लेती है लेकिन सरकार के द्वारा हमलोगों को किसी प्रकार का कोई फायदा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार के द्वारा हमलोगों के लिए किसी प्रकार का कोई योजना आती भी है तो वो उधर ही समाप्त हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि सांसद नक्सलियों के डर नहीं आते हैं और मौजूदा सांसद भी पिछले पांच सालों से एक बार भी इस गांव में नहीं आए हैं. 

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