राज्य के 12 लाख नवमतदाताओ के वोट में सेंध लगाने के लिए राजनीतिक दल सोशल मीडिया के माध्यम से अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटे हैं.
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जयपुर: लोकसभा चुनाव 2019 का आगाज हो चुका है. जिसके बाद राज्य के सारे राजनीतिक दल चुनावी जीत पक्की करने की कवायद शुरू कर चुके हैं. राजनीतिक दल राज्य के युवा वर्ग को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं. जिसके लिए राजनीतिक दलों ने रणनीति भी बनाई है.
युवाओं की जनसंख्या के मामले में राजस्थान चौथे स्थान पर
राज्य में युवाओं की जनसंख्या के मामले में राजस्थान का चौथा स्थान है. वहीं, पहले स्थान पर पश्चिमी बंगाल, दूसरे स्थान पर उत्तरप्रदेश और तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश है. माना जा रहा है कि युवा वर्ग जिस भी पार्टी व प्रत्याशी के पीछे खड़ा हो जाएगा उसकी जीत तय है. जिस कारण राज्य के 12 लाख नवमतदाताओं के वोट में सेंध लगाने के लिए राजनीतिक दल सोशल मीडिया के माध्यम से अपने पक्ष में करने की कवायद में जूटे हैं.
राजनीतिक दलों के लिए युवा वर्ग रहा है खास
राजनीतिक दलों के लिए युवा वर्ग हमेशा बेहद खास रहा है. क्योंकि यह वर्ग बेहतर तरीके से हर मुद्दे पर जानकारियां हासिल करता है. जिसके बाद तकनीक के इस्तेमाल करके स्वयं किसके पक्ष में वोटिंग करना है और नहीं करना है इसका निर्णय लेता है.
पहली बार 21वीं सदी में जन्में मतदाता करेंगे बड़ी संख्या में मतदान
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजादी के बाद 21वीं सदी के जन्मे लोग पहली बार इतनी भारी संख्या में मतदान करेंगे. जिस कारण सभा राजनीतिक दल युवाओं पर पूरी तरह फोकस किए हुए है.
युवा वोटरों की होगी अहम भूमिका
इस बार के लोकसभा चुनाव में युवा वोटरों की अहम भूमिका होगी. दिल्ली की सत्ता पर कौन राज करेगा यह युवा ही तय करेंगे. ये युवा जिस भी पार्टी या प्रत्याशी के पीछे खड़े हो जाएंगे, जीत उसी की होगी. इस बार युवा वोटर तय कर सकते हैं कि 2019 में लाल किले से झंडा कौन फहराएगा और कौन सी पार्टी संसद में विपक्ष में बैठेगी.