मध्‍य प्रदेश में 15 साल बाद बिजली फिर चुनावी मुद्दा, कांग्रेस की बढ़ सकती है मुसीबत
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मध्‍य प्रदेश में 15 साल बाद बिजली फिर चुनावी मुद्दा, कांग्रेस की बढ़ सकती है मुसीबत

मध्यप्रदेश की सियासत में 15 साल बाद फिर बिजली के अँधेरे वाली राजनीति ने दस्‍तक दे दी है. मध्‍यप्रदेश के कई हिस्‍से बिजली कटौती से जूझ रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले ये मुद्दा कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है.

साल की शुरुआत में हुए मप्र चुनावों में कांग्रेस बड़ी पार्टी तो बनी, लेक‍िन बहुमत नहीं मिला. file photo

भोपाल: मध्यप्रदेश में 15 साल बाद फिर बिजली चुनावी मुद्दा बन गया है. ठीक 15 वर्ष पहले दिग्विजय सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए बीजेपी ने बि‍जली और सड़क को मुद्दा बनाया था. अब 15 साल बाद   फिर मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अघोषित बिजली कटौती से परेशान है. मुख्यमंत्री कमलनाथ की सख्ती के बाद मुख्यसचिव ने कलेक्टरों और संभागीय कमिश्नरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग में अघोषित बिजली कटौती पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

 

प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती पर सरकार ने  कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 387 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. इनमें से 217 को नौकरी से निकाल दिया गया है और 142 को सस्पेंड किया गया है. लापरवाही बरतने वाले 28 कर्मचारियों को नोटिस दिए गए हैं. अधिकतर कर्मचारी आउटसोर्स वाले हैं. मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए कि बिजली के मामले में जो भी लापरवाही कर रहा है उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए. अगर कोई विरोध में हड़ताल करता है तो अति आवश्यक सेवा के तहत उस पर कार्यवाही करें.

सरकार को  आगर, शाजापुर, हरदा, सीधी, खंडवा, बालाघाट सहित कई अन्य जिलों से यह शिकायत मिली थीं कि उनके क्षेत्र में अघोषित कटौती की जा रही है. शिकायत में सामने आया है कि अनेक कर्मचारी जान-बूझकर काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की गई. खंडवा में बीजेपी  का प्रचार करने और बिजली कटौती करने की वजह से एक सब इंजीनियर, सर्कल इंचार्ज, परीक्षण सहायक और चार लाइनमैन को सस्पेंड कर दिया गया. आठ आउटसोर्स कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाल दिया गया.

2003 में कांग्रेस सरकार चली गई थी
मध्‍यप्रदेश में 2003 में 10 साल पुरानी सरकार के पतन के पीछे सबसे बड़ा मुद्दा बिजली थी. यहां तक कि उस दौर में मध्‍यप्रदेश की राजधानी भोपाल को भी ब‍िजली कटौती का सामना करना पड़ता था. बीजेपी ने इसी को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा और कांग्रेस का सफाया हो गया था. लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह से ब‍िजली कटौती कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है.

कलेक्टर बिजली व्यवस्था की कड़ी निगरानी करें
सरकार ने कहा है कि बिजली सप्लाई में बाधा डालने वालों के खिलाफ FIR दर्ज हो. कर्मचारी किसी के दबाव में बिजली काट रहे हैं. उनकी पहचान करें. गौरतलब है की  पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अघोषित बिजली कटौती पर नाराजगी जताते हुए अफसरों की जिम्मेदारी तय की थी. साथ ही षड़यंत्र की आशंका जताई थी.

दिग्विजय ने भी दी चेतावनी
पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी  दिग्विजय ने कहा है कि बिना बताए बिजली बन्द की तो जेल भेजा जायेगा. भोपाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सीहोर विधानसभा के दोराहा में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के भोपाल लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने बिजली विभाग के अफसरों और कर्मचारियों को मंच से खुली चेतावनी देते हुए कहा कि बिना कारण बिजली काटी तो उन्हें जेल में भेजा जायेगा. दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिजली खूब है हमने जो बिजली के कारखाने लगाए बिजली खूब आने लगी है. BJP के कुछ लोग विद्युत मंडल में हैं वह खुद ही बिजली बंद कर देते हैं. और कहते हैं कांग्रेस आई बिजली गई. बिजली की कमी नही है. ये भाजपा के लोग 15 साल से मुफ्त की खा रहे थे, इसके अंदर गड़बड़ी कर रहे हैं. मैं उनको चेतावनी देता हूँ अगर कोई भी बिजली कर्मचारी ने बिना बताए बिजली बंद की तो उसको जेल के अंदर भेजा जाएगा.  

शिवराज बोले-स्थिति नहीं संभल रही हो तो उठो कुर्सी से
अघोषित बिजली कटौती को षडयंत्र बताने और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने पर शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कांग्रेस और उनका नेतृत्व यहां के मुख्यमंत्री संभावित पराजय से बौखला गए हैं. एक कहावत है नाच न जाने आंगन टेड़ा....संभालना आ नहीं रहा स्थिति संभल नहीं रही और कर्मचारियों से लठ चला रहे हैं. कह रहे हैं आउटसोर्स वालों को देख लेंगे. सारे के सारे निकाल देंगे. सस्पेंड कर देंगे. नौकरी से बर्खास्त कर देंगे. ये आतंकित करने वाली राजनीति सरकार कर रही है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा अगर नियंत्रण नही है तो काहे के लिए कुर्सी पर बैठे हो. शर्म आना चाहिए ऐसे मंत्रियों को जो कह रहे है BJP षडयंत्र कर रही है, इसलिए हम यह नहीं कर पा रहे है.

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