प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी भूमिका इस चुनाव में सीखने और सहयोग की है.
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पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) में अपनी भूमिका को लेकर पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने अपना दर्द बताया है. कुछ समय से प्रशांत किशोर के काम को लेकर जदयू में ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं. जिसके बाद आरसीपी सिंह अब अहम फैसले ले रहे हैं. देश के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी भूमिका इस चुनाव में सीखने और सहयोग की है.
जद (यू) के उपाध्यक्ष ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "बिहार में राजग नरेंद्र मोदी जी एवं नीतीश जी के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव लड़ रहा है. जद (यू) की ओर से चुनाव-प्रचार एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरीय एवं अनुभवी नेता आऱ सी़ पी़ सिंह जी के मजबूत कंधों पर है. मेरे राजनीति के इस शुरुआती दौर में मेरी भूमिका सीखने और सहयोग की है."
बिहार में NDA माननीय मोदी जी एवं नीतीश जी के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव लड़ रहा है।
JDU की ओर से चुनाव-प्रचार एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरीय एवं अनुभवी नेता श्री RCP सिंह जी के मजबूत कंधों पर है।
मेरे राजनीति के इस शुरुआती दौर में मेरी भूमिका सीखने और सहयोग की है।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 29, 2019
इस ट्वीट के बाद इसे लेकर हालांकि जद (यू) के नेता कुछ भी नहीं बोल रहे हैं, परंतु यह कयास लगने लगा है कि जद (यू) में किशोर अपनी भूमिका को लेकर नाराज हैं.
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले किशोर ने कहा था कि महागठबंधन से अलग होने के बाद जद (यू) को चुनाव में जाना चाहिए था. इसके बाद जद (यू) के कई नेता किशोर से नाराज बताए जाते हैं.
किशोर ने मुजफ्फरपुर में युवाओं के साथ बातचीत के दौरान भी पिछले दिनों कहा था, "अगर किसी को मैं मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने में मदद कर सकता हूं तो बिहार के नौजवानों को मुखिया और विधायक भी बना सकता हूं." उनके इस बयान के बाद भी कई जद (यू) नेता नाराज हुए थे.