'प्रियंका गांधी पहली रैली हमारे राज्‍य में करें'- 24 घंटे के भीतर 12 राज्‍यों से आई दरख्‍वास्‍त
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'प्रियंका गांधी पहली रैली हमारे राज्‍य में करें'- 24 घंटे के भीतर 12 राज्‍यों से आई दरख्‍वास्‍त

पार्टी के उच्‍च पदस्‍थ सूत्र ने बताया कि प्रियंका गांधी की बतौर महासचिव ताजपोशी के चंद घंटों बाद ही 12 राज्‍यों की तरफ से कांग्रेस मुख्‍यालय को दरख्‍वास्‍त भेज दी गई कि प्रियंका पहली रैली उनके राज्‍य में करें. 

प्रियंका गांधी का फाइल फोटो...

नई दिल्‍ली : लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) से पहले ही कांग्रेस ने बड़ा सियासी दांव खेल प्रियंका गांधी वाड्रा को औपचारिक रूप से पार्टी महासचिव बनाकर सक्रिय राजनीति से जोड़ दिया है. पार्टी अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों से पहले यह बड़ा फैसला लिया, ताकि पार्टी में और जान फूंकी जा सके. प्रियंका के सक्रिय रूप से राजनीति में आने का इंतजार कांग्रेस को देशभर में था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को यह बड़ी जिम्‍मेदारी मिलने के 24 घंटे पूरे भी नहीं हुए थे कि 12 राज्‍यों से पार्टी इकाइयों ने कांग्रेस मुख्‍यालय को दरख्‍वास्‍त भेज दी कि प्रियंका गांधी की पहली रैली उनके राज्‍य में हो. पार्टी सूत्रों से मिली इस जानकारी के मुताबिक, ये सभी राज्‍य चाहते हैं कि प्रियंका बतौर स्‍टार प्रचारक उनके यहां पहली रैली करें, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को जनता के बीच और मजबूती मिल सके.

पार्टी के उच्‍च पदस्‍थ सूत्र ने बताया कि प्रियंका गांधी की बतौर महासचिव ताजपोशी के चंद घंटों बाद ही 12 राज्‍यों की तरफ से कांग्रेस मुख्‍यालय को दरख्‍वास्‍त भेज दी गई कि प्रियंका पहली रैली उनके राज्‍य में करें. महाराष्‍ट्र, गुजरात, मध्‍यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, राजस्‍थान और दिल्‍ली की तरफ से यह मांग सबसे पहले की गई. हाल ही में दिल्‍ली में कांग्रेस की बतौर अध्‍यक्ष कमान संभालने वालीं पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित की तरफ से जोर दिया गया कि प्रियंका गांधी उनके यहां यानी राजधानी दिल्‍ली में सबसे पहले रैली करें. शीला दीक्षित के मुख्‍यमंत्रित्‍व कार्यकाल में जहां सातों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्‍जा था, लेकिन 2014 के आम चुनावों में पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ और यह सीटें बीजेपी के खाते में चली गईं. लिहाजा शीला दीक्षित चाहती हैं कि प्रियंका अपनी रैली से दोबारा दिल्‍ली कांग्रेस में जान फूंकें.

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वहीं, महाराष्‍ट्र और गुजरात ने भी अपनी दरख्‍वास्‍त में जोर दिया है कि प्रियंका उनके यहां रैली करें, ताकि इन दोनों प्रदेशों में कांग्रेस का रिजल्‍ट बेहतर आ सके. दरअसल, महाराष्‍ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच अनबन के चलते कांग्रेस-एनसीपी से अपने गठबंधन की मजबूती के तहत यहां ज्‍यादा से ज्‍यादा सीटें हासिल करना चाहती. वहीं गुजरात में भी कांग्रेस इस बार नया करिश्‍मा करना चाहती है.

दरअसल, यूपी की सियासत में कांग्रेस के भीतर बड़े घटनाक्रम के तहत कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की बुधवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस में एंट्री हो गई. उनको पार्टी ने पूर्वी उत्‍तर प्रदेश का प्रभार देते हुए महासचिव बनाया है. कांग्रेस ने बयान में कहा है कि वह फरवरी के पहले हफ्ते में कामकाज शुरू करेंगी. इस तरह प्रियंका गांधी को कांग्रेस में पहली बार आधिकारिक रूप से कोई जिम्‍मेदारी सौंपी गई है. अभी तक वह गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली और अमेठी सीटों पर ही कांग्रेस का प्रचार करती थीं. हालांकि इससे पहले प्रियंका गांधी हमेशा सक्रिय राजनीति में आने की बात को टालती रहीं.

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कांग्रेस ने इसके साथ ही ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश का महासचिव बनाया गया है. इस तरह कांग्रेस ने पहली बार एक राज्‍य में दो महासचिव बनाए हैं. इससे पहले यूपी में कांग्रेस के महासचिव गुलाब नबी आजाद थे. उनको तत्‍काल प्रभाव से हरियाणा का प्रभारी नियुक्‍त किया गया है. इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल कांग्रेस जनरल सेक्रेट्री (संगठन) बनाया गया है. वह इसके साथ कर्नाटक के जनरल सेक्रेट्री बने रहेंगे.

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