इसे असल में सीपीआई का गढ़ माना जाता है लेकिन खास बात यह है कि धीरे-धीरे यहां कांग्रेस-जेडीयू का दबदबा बन गया.
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बेगूसराय : बिहार का बेगूसराय लोकसभा सीट बिहार की बाकी सीटों से काफी अलग है. इसे असल में सीपीआई का गढ़ माना जाता है लेकिन खास बात यह है कि धीरे-धीरे यहां कांग्रेस-जेडीयू का दबदबा बन गया. यहां से 2014 में भोला सिंह ने बीजेपी की टिकट से जीत दर्ज की थी लेकिन 2018 में उनका निधन हो गया. 2009 में यहां से जेडीयू के मोनाजिर हसन तो 2004 में भी जेडीयू के राजीव रंजन सिंह ने जीत दर्ज की थी.
बेगूसराय लोकसभा सीट में सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2014 में बीजेपी से भोला सिंह, आरजेडी से तनवीर हसन, सीपीआई से राजेंद्र प्रसाद सिंह उम्मीदवार थे. भोला सिंह को जहां 4,28,227 वोट मिले थे तो वहीं आरजेडी के तनवीर हसन को 3,69,892 वोट मिले थे.
बेगूसराय में कुल 19 लाख 53 हजार 7 मतदाता हैं. जिसमें पुरुष मतदाता 1038983, महिला मतदाता 9 लाख तेरह हजार 962 हैं. अगर जातिगत मतदाताओं की बात करें तो यहां सबसे अधिक भूमिहार मतदाताओं की संख्या है. भूमिहार के बाद इस क्षेत्र में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है.
बेगूसराय में जहां सीपीआई ने इस बार चुनाव में कन्हैया कुमार को टिकट दिया है और बीजेपी ने यहां से अपने फायर ब्रैंड नेता गिरिराज सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, तनवीर हसन के आ जाने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है और देखना दिलचस्प होगा कि बेगूसराय की बाजी कौन मारता है.