कांग्रेस और आरएलडी के एक साथ चुनावी मैदान में उतरने की खबर पर तब विराम लगा, जब राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से एक पत्र मीडिया के सामने आया.
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नई दिल्ली: केंद्र की सत्ता के लिए बेहद अहम माने जाने वाले प्रदेश यूपी का सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा के गठबंधन के बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को राजनीति में उतारकर यूपी को लेकर अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया गया है. वहीं, इसी रणनीति के तहत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल के साथ चुनाव में साथ लड़ने की कोशिश में जुटी, लेकिन कांग्रेस के इन कोशिशों पर RLD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने पूर्ण विराम लगा दिया है और कहा है कि राष्ट्रीय लोक दल कांग्रेस नहीं बल्कि सपा-बसपा गठबंधन के साथ उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव लड़ेगा.
दरअसल, कांग्रेस और आरएलडी के एक साथ चुनावी मैदान में उतरने की खबर पर तब विराम लगा, जब राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से एक पत्र मीडिया के सामने आया. इस पत्र में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने आगामी लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा गठबंधन को ही समर्थन देने की बात की है.
पत्र में उन्होंने कांग्रेस के साथ जाने के बात को भ्रम फैलाने का प्रयास बताया. इस पत्र से साफ है कि राट्रीय लोक दल सपा-बसपा गठबंधन का ही हिस्सा बनेगी. आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्या सिंधिया पिछले कई दिनों राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी कर चुके हैं.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार इस कोशिश में थे कि राष्ट्रीय लोकदल को साथ लेकर पश्चिमी यूपी के चुनावी मैदान में उतरा जाए. कांग्रेस की तरफ से जयंत चौधरी को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए 11 सीटों का ऑफर दिया था. इसमें 10 यूपी और एक सीट राजस्थान में दिए जाने का प्रस्ताव था.