आरएसएस के इस बौद्धिक शिविर में आमजन का प्रवेश प्रतिबन्धित है. बीजेपी से जुड़े के नेता भी अंदर तब जा सकेंगे जब उन्हें बुलाया जाएगा.
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कानपुर: कानपुर में बुधवार (23 जनवरी) से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बौद्धिक चिंतन शिविर शुरू हो गया है. संघ प्रमुख मोहन भागवत स्वयं यहां तीस जनवरी तक प्रवास करेंगे और स्वयंसेवकों को संघ के शक्ति संवर्धन के लिए टिप्स देगें. सूत्रों के मुताबिक, यहां भागवत ग्राम्य विकास के लिए भी संगठन को काम करने के लिए और अधिक सक्रिय होने का मंत्र देंगे. आरएसएस के इस बौद्धिक शिविर में आमजन का प्रवेश प्रतिबन्धित है. बीजेपी से जुड़े के नेता भी अंदर तब जा सकेंगे जब उन्हें बुलाया जाएगा.
संघ प्रमुख भागवत लखनऊ से मंगलवार दोपहर में पनकी स्थित नारायणा कॉलेज पहुंचे थे, यहां वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद तुरंत ही संघ प्रमुख ने परिचय बैठक के साथ ही क्षेत्र में चल रहे संघ के कार्यों की औपचारिक जानकारी ली और फिर शाम को शाखा में भी शामिल हुए.
जानकारी के मुताहिक, बैठकों के विषय पहले ही तय हो चुके हैं. इनमें एक आयाम और चार गतिविधियां हैं. उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लगभग 80 जिलों में संचालित सेवा विभाग के आयाम व गतिविधियों में कुटुंब प्रबंधन, सामाजिक समरसता, ग्राम विकास और गो संवर्धन की समीक्षा करेंगे. आगामी सालों के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किए जाएंगे.
नारायणा कॉलेज के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी मौजूद हैं. परिसर के भीतर की व्यवस्था स्वयंसेवकों के हाथ में रहेगी तो वहीं, बाहर की जिम्मेदारी जिला पुलिस और प्रशासन ने सम्भाल रखी है. जानकारी के मुताबिक, 30 जनवरी को अमित शाह कानपुर कार्यक्रम हैं. कानपुर कार्यक्रम के दौरान वे आरएसएस के चिंतन शिविर में जाते हैं अथवा नहीं. उनका अभी तक का कोई कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है.