टीडीपी का गढ़ है श्रीकाकुलम, क्या इस बार वाईएसआर कांग्रेस का खुलेगा खाता?
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टीडीपी का गढ़ है श्रीकाकुलम, क्या इस बार वाईएसआर कांग्रेस का खुलेगा खाता?

श्रीकाकुलम आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में से एक है. लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण में 11 अप्रैल को यहां मतदान हो चुका है. 2014 के लोकसभा चुनाव में टीडीपी के युवा सांसद राम मोहन नायडू ने विजय पाई थी. नायडू काफी लोकप्रिय हैं. वाईएसआर कांग्रेस ने नए चेहरे डुवड्डा श्रीनिवास पर दांव लगाया है. 

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण में 11 अप्रैल को यहां मतदान हो चुका है.

हैदराबाद: श्रीकाकुलम आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में से एक है. लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण में 11 अप्रैल को यहां मतदान हो चुका है. 2014 के लोकसभा चुनाव में टीडीपी के युवा सांसद राम मोहन नायडू ने विजय पाई थी. नायडू काफी लोकप्रिय हैं. वाईएसआर कांग्रेस ने नए चेहरे डुवड्डा श्रीनिवास पर दांव लगाया है. जनसेना पार्टी के मेट्टा राम राव चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने डोला जगन मोहन राव जबकि बीजेपी से पेरला संबा मूर्ति को मैदान में उतारा है. श्रीकाकुलम लोकसभा क्षेत्र के तहत सात विधानसभा सीटें हैं. इनमें इचापुरम, पलासा, टेक्काली, पत्थापटनम, श्रीकाकुलम, अमवडलावासा और नरसनपेट्टा शामिल हैं.   

निर्दलीय ने जीता था पहला लोकसभा चुनाव 
आजादी के बाद 1952 में श्रीकाकुलम सीट पर हुए पहले लोकसभा चुनाव में निर्दलीय ने बाजी मारी थी. 1957 से यह क्षेत्र कांग्रेस के गढ़ में तब्दील हो गया. फिर 1967 कांग्रेस यहां काबिज रही. 1967 में स्वतंत्र पार्टी ने कांग्रेस को झटका दिया. 1971 में फिर से कांग्रेस ने वापसी की और 1984 तक काबिज रही. 1984 में राजनीतिक बदलाव आया और टीडीपी की लहर में कांग्रेस चुनाव हार गई.  

 

1989 में फिर हुई कांग्रेस की वापसी
1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर से इस सीट पर कब्जा जमाया और अगले 10 वर्ष तक इस सीट पर काबिज रही. 1996 के लोकसभा चुनाव में टीडीपी ने जीत दर्ज करके इसे अपना गढ़ बना लिया. टीडीपी ने फिर 1998, 1999 और 2004 में इस सीट पर अपना परचम फहराया. हालांकि 2009 में कांग्रेस यहां से आखिरी बार जीती. 2014 में टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर हुई लेकिन बाजी टीडीपी के हाथ लगी. 

2014 में टीडीपी के रामोहन नायडू किंजरापू ने 1 लाख 27 हजार 692 वोटों के भारी अंतर से प्रचंड जीत दर्ज की. उन्हें 5 लाख 56 हजार 545 वोट मिले जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंदी रेड्डी शांति को 4 लाख 28 हजार 853 वोट मिले. कांग्रेस पार्टी के किल्ली कृपारानी 24 हजार 171 वोट संतोष करना पड़ा.

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