लोकसभा चुनाव : BJP का राष्ट्रवाद या कांग्रेस के चुनावी वादे, वड़ोदरा की जनता किसे करेगी पसंद?
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लोकसभा चुनाव : BJP का राष्ट्रवाद या कांग्रेस के चुनावी वादे, वड़ोदरा की जनता किसे करेगी पसंद?

नरेंद्र मोदी ने 2014 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सांसद बनना तय किया और वडोदरा से इस्तीफा दे दिया. तब उपचुनाव के लिए भाजपा की रंजनबेन भट्ट को टिकट दी गई जिन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने उन्हें वडोदरा से फिर से चुनावी मैदान में उतारा है.

असमंजस की स्थिति में वडोदरा की जनता. (फाइल फोटो)

वडोदरा : गुजरात की वडोदरा लोकसभा सीट के मतदाता अब भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वह 'राष्ट्रवाद' को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विचार का समर्थन करें या कांग्रेस के पक्ष में मतदान करें जिसने नौकरियों की कमी और बच्चों के लिए किफायती फीस में शिक्षा जैसे स्थानीय मुद्दों को सुलझाने का वादा किया है. ज्ञात हो कि यह शहरी सीट 2014 में चर्चा में आई थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री को 5.7 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हरा कर यह सीट जीती थी.

हालांकि जब नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सांसद बनना तय किया और वडोदरा से इस्तीफा दे दिया. तब उपचुनाव के लिए भाजपा की रंजनबेन भट्ट को टिकट दी गई जिन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने उन्हें वडोदरा से फिर से चुनावी मैदान में उतारा है.

प्रचार के लिए तैयार अपने पोस्टर में भट्ट ने लोगों से राष्ट्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए वोट देने की अपील की है. उन्होंने लोगों से सैनिकों का मनोबल बढ़ाने और आतंकवाद को उखाड़ फेंकने की अपील भी की. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के उम्मीदवार प्रशांत पटेल ने कहा कि अगर वह चुने जाते हैं तो वह बेरोजगारी और उच्च शिक्षा के लिए शुल्क जैसे जन मुद्दों को सुलझाएंगे. 

बीजेपी का दावा है कि वह राष्ट्रवाद के महत्त्व जैसे मुद्दों को उठा कर सही राह पर है. वहीं, कांग्रेस ने इसे आम लोगों की समस्या का समाधान करने में 'विफलता' को छिपाने के लिए 'आंख में धूल झोंकना' बताया है. कांग्रेस की शहर इकाई के अध्यक्ष एवं अपना पहला बड़ा चुनाव लड़ रहे पटेल ने कहा कि स्थानीय मुद्दे हमेशा से चुनाव में अहम रहे हैं. 

उन्होंने कहा, 'लोग बेहतर एवं किफायती शिक्षा जैसी मूल सुविधाओं के लिए आपको वोट देते हैं. भले ही बीजेपी पिछले 23 सालों से नगरपालिका में शासन में है लेकिन उसने किया कुछ नहीं. अब राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाना और कुछ नहीं बल्कि अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए आंखों में धूल झोंकना है.'

हालांकि वडोदरा में बीजेपी के प्रवक्ता मुकेश दीक्षित ने कहा, 'यह स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं हैं बल्कि संसदीय चुनाव हैं. कांग्रेस को यह समझना होगा. अगर हम स्थानीय मुद्दों से निपटने में असफल रहते तो हम 1995 से निकाय चुनाव नहीं जीत रहे होते.' उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव हमेशा से ही राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं. कांग्रेस शहर में गटर लीक होने पर भी शोर मचाती है. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास कहने को और कुछ नहीं है.' 

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